बता दें कि विजय माल्य कई बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लेकर कुछ साल पहले भारत से फरार हो गया था। इसके बाद भारत की तमाम एजेंसियां और सरकार माल्या को वापस भारत लाने के लिए कोशिश कर रही है।
विजय माल्या को इससे पहले कई बार कोर्ट से झटका लग चुका है और केंद्रीय एजेंसियां माल्य से जुड़ी संपत्तियां जब्त करती रही हैं।
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पिछले साल दिसंबर में ही प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉंड्रिंग कानून के तहत फ्रांस में माल्या के 14 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। इसके बाद अभी हाल ही में प्ररवर्तन निदेशालय ने जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी की थी। इस नीलामी से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कई बैकों को 5800 करोड़ रुपये से अधिक मिले थे।
9 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप
मालूम हो कि विजय माल्या पर 9 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) किंगफिशर एयरलाइंस (भारत में अब बंद हो चुकी है) के संचालक से जुड़ी कथित 9 हजार करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में जांच कर रही है।
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हालांकि, कोर्ट की कार्रवाई से बचने और भारत प्रत्यर्पित किए जाने के संबंध में विजय माल्य कई बार ये बोल चुके हैं कि वे बैंकों के 13,960 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हैं। हालांकि अभी तक इससे आगे कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। दरअसल, मूल कर्ज सिर्फ 9 हजार करोड़ रुपये का है, लेकिन उसका ब्याज आदि जोड़कर माल्या ने 13,960 करोड़ रुपये वापस लौटाने का ऑफर दिया था, जिसे बैंकों के कंसोर्टियम ने ठुकरा दिया था।