इस बीच एक अमरीकी अधिकारी ने कहा ‘हम उम्मीद करते हैं कि जापान के ओसाका में हुए G20 समिट की तरह ही इस बार भी सभी सदस्य देशों के नेता बहुत ही प्रोडक्टिव चर्चा करेंगे। वे व्यापार के मोर्चे पर जारी गतिरोध के समाधान की तलाश करेंगे। इसके साथ ही अमरीका भारत की ओर देख रहा है कि व अमरीकी उत्पादों पर टैरिफ कम करे और अपने बाजार खोले।’
अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संभवतः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से सुनना चाहते हैं कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की भूमिका के तौर पर कैसे क्षेत्रीय तनाव को कम करने और कश्मीर के लिए मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
बता दें कि अभी बीते दिनों ही ट्रंप ने भारत से अपील की थी कि वे अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए अपनी सेना को तैनात करें। उन्होंने कहा था कि भारत के महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
G7 में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बता दें कि इस बार G7 समिट में कई अहम वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण परिर्तन, महासागरों की स्थिति, डिजिटल परिवर्तन, आतंकवाद आदि मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी विदेशों में कैशलेस लेनदेन के नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए RuPay कार्ड भी लॉन्च करेंगे।
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मालूम हो कि कनाडा (जस्टिन ट्रूडो, प्रधानमंत्री), फ्रांस (इमैनुएल मैक्रॉन, राष्ट्रपति), जर्मनी (एंजेला मर्केल, चांसलर) इटली (Giuseppe Conte, प्रधान मंत्री), जापान (शिंजो अबे प्रधानमंत्री), यूनाइटेड किंगडम (बोरिस जॉनसन, प्रधान मंत्री), संयुक्त राज्य अमरीका (डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति), यूरोपीय संघ (डोनाल्ड टस्क, परिषद के अध्यक्ष) G7 में शामिल कोर सदस्य देश हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया (स्कॉट मॉरिसन, प्रधानमंत्री), भारत (नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री), स्पेन (पेड्रो सान्चेज़, प्रधानमंत्री) G7 में शामिल होने वाले अतिथि देश हैं। हर बार कुछ देशों को मेहमान देश के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। आमंत्रित (देश)
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