क्या है आईवीएफ?
अगर कोई महिला किसी पुरुष से बिना शारीरिक संबंध बनाए मां बनाना चाहती हैं तो वो आईवीएफ का इस्तेमाल करती हैं। इसके तहत महिलाओं के अंडेदानी से अंडे निकालने के बाद सभी अण्डों में स्पर्म डालकर अम्ब्र्यो बनाया जाता है। इसके बाद इस अम्ब्र्यो को 3 से 5 दिन तक परखनली में बढ़ा कर उसे फिर से महिलाओं की कोख में डाल दिया जाता है। आजकल महिलाओं के बीच में वर्जिन बर्थ का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
अगर कोई महिला किसी पुरुष से बिना शारीरिक संबंध बनाए मां बनाना चाहती हैं तो वो आईवीएफ का इस्तेमाल करती हैं। इसके तहत महिलाओं के अंडेदानी से अंडे निकालने के बाद सभी अण्डों में स्पर्म डालकर अम्ब्र्यो बनाया जाता है। इसके बाद इस अम्ब्र्यो को 3 से 5 दिन तक परखनली में बढ़ा कर उसे फिर से महिलाओं की कोख में डाल दिया जाता है। आजकल महिलाओं के बीच में वर्जिन बर्थ का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
क्यों ऐसा कर रही हैं महिलाएं?
आईवीएफ का इस्तेमाल करने वाली कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें अभी तक सही लाइफ पार्टनर नहीं मिला। इस वजह से वो बिना शादी के मां बनना चाहती हैं। वहीं कुछ महिलाओं का तर्क है कि उन्हें सेक्स में कोई रुचि नहीं है तो कुछ के मन में सेक्स को लेकर डर।
आईवीएफ का इस्तेमाल करने वाली कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें अभी तक सही लाइफ पार्टनर नहीं मिला। इस वजह से वो बिना शादी के मां बनना चाहती हैं। वहीं कुछ महिलाओं का तर्क है कि उन्हें सेक्स में कोई रुचि नहीं है तो कुछ के मन में सेक्स को लेकर डर।
पुरुषों के बिना कैसे हो रहा बच्चों का पालन?
डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक जो देखने को मिला है उसमें ऐसी महिलाएं वर्जिन मां बन रही हैं जो भावात्मक और आर्थिक रूप से मजबूत हैं। यूके में 25 युवा लड़कियों ने महज 20 साल की उम्र में मां बनने के लिए आईवीएफ के विकल्प को चुना। डॉक्टरों के मुताबिक ये लड़कियां मानसिक रूप से तैयार थीं जिसके बाद उनको आईवीएफ प्रक्रिया दी गई। 2013 में हुए एक सर्वे के मुताबिक सिर्फ अमरीका में 200 में से 1 महिला सेक्सुअल इंटरकोर्स से गर्भवती हुई। सेक्सुअल इंटरकोर्स करने वाली महिलाओं में 31 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने धार्मिक और कुछ निजी वजहों से इस प्रक्रिया को चुनने का फैसला लिया है। कुछ धार्मिक लोग इस प्रक्रिया को गलत बताते हैं। उनका कहना है कि बच्चों का जन्म प्राकृतिक तरीके से ही होना चाहिए।
डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक जो देखने को मिला है उसमें ऐसी महिलाएं वर्जिन मां बन रही हैं जो भावात्मक और आर्थिक रूप से मजबूत हैं। यूके में 25 युवा लड़कियों ने महज 20 साल की उम्र में मां बनने के लिए आईवीएफ के विकल्प को चुना। डॉक्टरों के मुताबिक ये लड़कियां मानसिक रूप से तैयार थीं जिसके बाद उनको आईवीएफ प्रक्रिया दी गई। 2013 में हुए एक सर्वे के मुताबिक सिर्फ अमरीका में 200 में से 1 महिला सेक्सुअल इंटरकोर्स से गर्भवती हुई। सेक्सुअल इंटरकोर्स करने वाली महिलाओं में 31 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने धार्मिक और कुछ निजी वजहों से इस प्रक्रिया को चुनने का फैसला लिया है। कुछ धार्मिक लोग इस प्रक्रिया को गलत बताते हैं। उनका कहना है कि बच्चों का जन्म प्राकृतिक तरीके से ही होना चाहिए।