चित्रकार के तौर पर सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली गौर करने वाली बात है कि श्लेमर को उनके काम ‘ट्रायडिश बैलेट’ या ट्रायडिक बैलेट के लिए खास तौर पर जाना जाता है। इस कला में परफॉर्मर्स को ज्यामितीय आकार का रूप दिया जाता था। ऑस्कर श्लेमर को एक चित्रकार के तौर पर सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली और उनके द्वारा बनाई गईं कई पेंटिंग आज भी बेहद प्रासंगिक हैं। उन्होंने मानव शरीर को बेहद अच्छे से समझा और कई बार इसे मूर्ति का रूप दिया। मानव शरीर की रचना को लेकर उनकी जानकारी बेहद शानदार थी।
छह भाई-बहनों में सबसे छोटे थे श्लेमर का जन्म जर्मनी में 4 सितंबर 1888 को हुआ था। उनकी मां का नाम मीना नेहस और पिता का नाम कार्ल लियोहार्ड था। छह भाई-बहनों में ऑस्कर सबसे छोटी संतान थे। स्टेज रिसर्च और प्रॉडक्शन का डायरेक्टर बनने से पहले उन्होंने आर्ट स्कूल दाखिला लिया। उनका जन्म जर्मनी के स्टटगार्ट शहर में हुआ था। जर्मनी में हिटलर के शासन के समय 13 अप्रैल, 1943 को उनकी मृत्यु हो गई।श्लेमर ने अपनी पेंटिंग में खास तरह की कलाकृतियों का उपयोग किया है। उन्होंने मानव के शरीर को भावनात्मक के साथ एक नए आकार में ढाला है। उनकी पेंटिंग में आधुनिकता की छाप थी और वह हमेशा अपनी पेंटिंग में मानव के भावनात्मक पहलू को उजागर करते थे। अपनी कलाकृतियों में वह गोलाकार या अर्धगोलाकार इमेज का इस्तेमाल करते थे। उनके डूडल में इसी तरह की छाप दिखाई देती है। इसमें किसी गणित के आकार और उससे संबंधित कुछ कलाकृतियां दिखाई देती हैं। श्लेमर उस समय के सबसे आधुनिक चित्रकार माने जाते थे।