पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठातीं दिख रही हैं
इस्माइल ने कहा कि बेगुनाह पश्तूनों को पाकिस्तान में आतंकवाद का उन्मूलन करने के नाम पर मारा जा रहा है
वाशिंगटन। पाकिस्तानी के अत्याचारों से तंग आकर मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने अमरीका में शरण ली है। वह इस समय अमरीका में अल्पसंख्यकों का चेहरा बन चुकी हैं। वह शुक्रवार को पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठातीं दिख रही हैं।
गुलालाई एक महीने पहले ही अमरीका पहुंची हैं। वह यहां आकर बता रही हैं कि कैसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यक दशकों से अत्याचार सहन कर रहे हैं। जिस समय इमरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण दे रहे थे उस समय इस्माइल मुहाजिर, पश्तून, बलोच, सिंधी और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ मिलकर बाहर प्रदर्शन कर रही थीं।
न्यूयॉर्क में इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए इस्माइल ने कहा कि बेगुनाह पश्तूनों को पाकिस्तान में आतंकवाद का उन्मूलन करने के नाम पर मारा जा रहा है। पाकिस्तानी सेना की जेलों में हजारों लोग कैद हैं।
गुलाई पर पाकिस्तान ने राजद्रोह का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उन लोगों को रिहा करना चाहिए। इतने जेलों में बंद रखा गया है। यदि हम उनके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो हमपर आतंकवाद का आरोप लगाया जाता है।
इस्माइल ने कहा कि उन्हें अपने परिवार और उस अंडरग्राउंड नेटवर्क की चिंता है जिसके कारण वह पाकिस्तान से भागने में सफल रहीं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान ने मेरी आवाज दबाने के लिए हर हथियार का इस्तेमाल किया। उन्होंने मेरे परिवार पर दबाव बनाया ताकि वह मेरे खिलाफ खड़े हो सकें। हालांकि इसके बावजूद मेरा पूरा परिवार मेरे साथ खड़ा है। मुझे प्रताड़ित करने के लिए उन्होंने मेरे माता-पिता पर झूठे आरोप लगाए हैं।’