मुंबई। स्विस बैंक खातों और उनमें भारतीयों की जमा रकम का खुलासा अब जल्द हो सकता है। खबर है कि सप्ताहभर पहले एचएसबीसी स्विट्जरलैंड ने कई रईस भारतीयों को ईमेल कर स्विट्जरलैंड में किसी ऎसे शख्स के बारे में जानकारी मांगी है, जिससे वहां की सरकार सहमति लेकर बैंक खाते की जानकारी को भारतीय अथॉरिटीज के साथ शेयर कर सके।
यह ईमेल एचएसबीसी के रिलेशनशिप मैनेजर ने किया है और इसमें यह भी कहा गया है कि अगर क्लाइंट तय समय में इसके लिए सहमति नहीं देता है तो स्विस सरकार अपने आधिकारिक गजट में यह सूचना छापेगी। यह मामला 1 जनवरी 2011 या उसके बाद ऑपरेशनल रहे बैंक खातों से जुड़ा है। भारत में एचएसबीसी के क्लाइंट्स को स्विट्जरलैंड में थर्ड पार्टी के जरिए सहमति पत्र का प्रारूप मिलेगा।
खाताधारक को इस पर दस्तखत करने हैं जिसके ईमेल के जरिए स्विस सरकार तक पहुंचने के बाद बैंक खाते से जुड़ी तमाम जानकारियां भारतीय अथॉरिटीज को दे देंगे। मामले में थर्ड पार्टी स्विस नागरिक या लॉ फर्म हो सकती है। ऎसा इसलिए है क्योंकि कानूनन स्विस सरकार को किसी विदेशी के साथ यह जानकारियां बांटने की अनुमति नहीं है। यानी कि अब जल्द ही भारत सरकार को आधिकारिक सूचि मिल सकती है। इससे उन लोगों का पक्ष कमजोर पड़ जाएगा, जिन्होंने अब तक यह कहा था कि इनकम टैक्स विभाग चोरी के डाटा के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता।