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भारत के लिए फ्रांस में बने पहले रफाल विमान में IAF अफसर ने भरी उड़ान, कांग्रेस परेशान

भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस के इसट्रेस एयर बेस से रफाल विमान में बैठकर उड़ान भरी।

Sep 21, 2018 / 08:25 am

Dhirendra

rafael

नई दिल्‍ली। रफाल लड़ाकू विमान को लेकर इन दिनों राजनीति गरम है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले पर लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। लेकिन इसका असर सौदे पर अभी तक नहीं पड़ा है। इसका पुख्‍ता सबूत यही है कि इस चर्चित विमान पर भारतीय वायुसेना के शीर्ष स्तर के एक अधिकारी ने गुरुवार को उड़ान भरी। मोदी सरकार की रफाल को लेकर इस सक्रियता सेे कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस रफाल डील के खिलाफ शुरू से ही आक्रामक है। पार्टी ने जेपीसी और कैग से इस सौदे की जांच की भी मांग की है।
नांबियार ने भरी रफाल में उड़ान
गुरुवार को भारतीय वायुसेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने फ्रांस में पहली भारतीय राफेल लड़ाकू विमान पर उड़ान भरी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस विमान का अगले साल सितंबर में भारत आना शुरू हो जाएगा। नांबियार ने फ्रांस के इसट्रेस एयर बेस से विमान के कॉकपिट में बैठकर उड़ान भरी। विमान ने करीब एक घंटे तक उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना की छह सदस्यीय टीम इस समय फ्रांस में है और दसॉल्ट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट का दौरा कर रही है। फ्रांस द्वारा सौदे के अनुरूप दसॉल्ट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में भारत के लिए राफेल विमान तैयार किया जा रहा है। अगले पांच साल सात महीनों में फ्रांस 36 राफेल विमान भारत को देगा जिसकी शुरुआत अगले साल सितंबर से होगी। बाकी विमान पहली डिलीवरी के अगले 30 महीनों में देना है।
कांग्रेस ने मांगा सीतारमण का इस्तीफा
मोदी सरकार और राहुल गांधी के बीच रफाल को लेकर बढ़ते तनातनी के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर राफेल लड़ाकू विमानों के मामले में देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस की इस्तीफे की मांग हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व प्रमुख टी सुवर्णा राजू की ओर से निर्मला सीतारमण के उन दावों को खारिज करने के बाद आई है, जिसमें रक्षा मंत्री ने कहा था कि सरकारी स्वामित्व वाली एचएएल के पास लड़ाकू जेट रफाल को बनाने की क्षमता नहीं है। इससे पहले बुधवार को इस सौदे को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) राजीव महर्षि विमानों की खरीद को लेकर किए गए सौदे की तत्काल विशेष जांच करने की मांग की। कांग्रेस 2015 में घोषित हुए इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की भी मांग लगातार करती रही है।
अंबाला एयरबेस पर तैनात होगी पहली खेप
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से पीएम मोदी भारतीय रक्षा तंत्र को मजबूती देने में जुटे हैं। इस प्रक्रिया में भारतीय वायुसेना को चीन और पाकिस्‍तान को टक्‍कर देने के लिए फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया। इस लड़ाकू विमानों की पहली खेप सितंबर 2019 तक भारत में आनी है। राफेल की पहली स्कॉवड्रन भारतीय वायुसेना के अबांला स्थित एयरबेस पर तैनात की जाएगी।

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