सभी को मनाना होगा मुश्किल गौरतलब है कि आम चुनाव में इमारान के लिए निर्दलीय उम्मीदवार का साथ पाना काफी मुश्किल होगा। उनके लिए एक—एक सीट काफी अहमियत रखेगी। विपक्षी पार्टियां निर्दलीय उम्मीदवारों को रोकने का प्रयास करेंगी। ऐसे में इमरान की चार सीटें बेकार होना पार्टी को खल रहा है। इमरान की वजह से चार सीटें पार्टी का गणित बिगाड़ सकती है। यह विपक्ष के लिए सुनहरा मौका बन सकता है। विपक्ष एकजुट होकर अपनी सरकार भी बनाने की कोशिश करेगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ फिलहाल खुद को मुसीबत से निकालने के लिए छोटी-छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन पाने के लिए जुटी हुई है ताकि जादुई आंकड़े तक पहुंच सके और इमरान खान पीएम बनें। मगर पार्टी की स्थिति कमजोर करने में इमरान खुद भी जिम्मेदार हैं।
पार्टियों से गठबंधन करना होगा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआइ को अपनी सरकार बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके लिए उसे विभिन्न पार्टियों से गठबंधन करना होगा। उसे पार्टियों को जोड़ने के लिए प्रलोभन देने होंगे। निर्दलीय को मनाने के लिए उन्हें शायद पदों का लालच भी देना होगा। अगर इमरान की पार्टी गठबंधन बनाकर सरकार बना भी लेती तो इसके गिरने का भी डर बना रहेगा। इमरान को इस समय अफसोस होगा कि वह पांच सीटों पर क्यों लड़े।