एमएनए के लिए मतदान अनिवार्य है पीटीआई के इमरान खान और पाीएमएल-एन के शहबाज शरीफ के बीच पीएम का चुनाव होना था। इसमें इमरान खान को विजय प्राप्त हुई। हालांकि पाकिस्तान पीपुल्स् पार्टी (पीपीपी) और जमात ए इस्लामी (जेआई)के सदस्यों ने किसी भी उम्मीदवार के लिए वोट नहीं दिया। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहिद वहीद को याचिकाकर्ता ने बताया था कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए वोट देना पाकिस्तान के संविधान की धारा 91 (4) के तहत एमएनए के लिए अनिवार्य है।
खान की जीत को असंवैधानिक घोषित किया जाए याचिकाकर्ता ने कहा कि पार्टियों के सदस्य मतदान से दूर रहे और संघीय सरकार की स्थापना में भाग लेने के अपने कार्य को करने में नाकाम रहे। लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि अपने को मतदान करने से खुद को रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा यह उनके संवैधानिक कर्तव्य थे कि वे वोट देने का अधिकार इस्तेमाल करें। याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत ने घोषणा की है कि प्रत्येक एमएनए को देश के मुखिया और राज्य के मुख्य कार्यकारी पद के लिए मतदान का संवैधानिक कर्तव्य निभाना होगा। उसने अदालत से कहा कि मतदान से बड़ी संख्या में एमएनए दूर रहे, ऐसे में आम चुनावों में खान की जीत को असंवैधानिक घोषित किया जाए।गौरतलब है कि 18 अगस्त को शपथ ग्रहण करने के बाद से ही इमरान खान पर आरोप लगते आ रहे हैं कि उन्होंने सेना के समर्थन से जीत हासिल की है। विपक्ष का आरोप है कि वोटों की गिनती के दौरान सेना के हस्तक्षेप से फैसले में बदलाव लाए गए।