यहां हम आपको दुबई की 1960 से लेकर 70 के दौर की वो तस्वीरें दिखा रहे हैं, जिसमें शहर विकास और ऊंची इमारतों से कोसों दूर नजर आ रहा।
दुबई मिडल ईस्ट का बिजनेस हब ही नहीं, बल्कि पैसेंजर्स और कार्गो के लिए ट्रांसपोर्ट हब भी बन चुका है।
1970 से पहले शेखों के इस शहर के हालात आज जैसे नहीं थे।
तब दुबई हर लिहाज से काफी पिछड़ा हुआ था। न ऊंची इमारतें थी और न ही सड़कों पर महंगी गाड़ियां दिखती थीं।
यहां पर हम उसी दौर की कुछ फोटोज दिखा रहे हैं।
1960 तक दुबई की इकोनॉमी व्यापार से आने वाले रेवेन्यू पर निर्भर थी, तेल से तब तक वहां के लोग वाकिफ नहीं थे।
यहां हम दुबई की 1960 से लेकर 70 के दौर की ही फोटोज दिखा रहे हैं, जिसमें शहर विकास और ऊंची इमारतों से कोसों दूर नजर आ रहा है।
1966 में जाकर दुबई में तेल का पता चला था, जिसके बाद इंटरनेशनल ऑयल कंपनीज को रियायतें दी गईं।
शहर में तेल की खोज के साथ ही विदेश कर्मचारियों की बाढ़ सी आ गई। 1969 से पहली बार फ्लो में ऑयल रेवेन्यू आना शुरू हो गया।
तेल से आने वाले रेवेन्यू से दुबई में डेवलपमेंट शुरू हुआ। हालांकि, रफ्तार तब भी तेज नहीं थी, क्योंकि ऑयल रिजर्व सीमित था और प्रोडक्शन भी धीमा था।