भारत ने नहीं दी रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया –
नई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता में कमी आ रही है। मानवाधिकार संगठनों पर दबाव बढ़ा है। आलोचकों पर शिकंजा कसना, राजद्रोह के मामले, मुस्लिमों पर मॉब लिंचिंग के मामले, नागरिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले बढ़े हैं। हालांकि, इस रिपोर्ट को लेकर भारत सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
बिना तैयारी लगा दिया भारत ने लॉकडाउन –
रिपोर्ट में लॉकडाउन का जिक्र है। कहा है कि यह बिना तैयारी के लगाया गया जो खतरनाक था। लाखों प्रवासी श्रमिकों को आकस्मिक पलायन के दौरान कष्ट झेलना पड़ा। कई श्रमिकों व उनके बच्चों की मौत हो गई।
इक्वाडोर के बराबर भारत का स्कोर-
भारत का स्कोर डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर के बराबर है। फिनलैंड, नार्वे व स्वीडन सबसे अधिक स्वतंत्र देश है। सिर्फ दो देशों को पॉजिटिव रेटिंग मिली।
चीन सबसे नीचे, अमरीका में भी गिरावट-
रिपोर्ट में चीन को लोकतंत्र व नागरिक आजादी के मामले में सबसे बुरा बताया है। महामारी के दौरान नागरिकों पर सेंसरशिप अभियान चलाया। अमरीका में डॉनल्ड ट्रंप शासन के दौरान भी लोकतांत्रिक गिरावट हुई है।
ऐसे तैयार हुई रिपोर्ट –
फ्रीडम हाउस राजनीतिक अधिकारों व नागरिक स्वतंत्रता को लेकर सालाना वैश्विक रिपोर्ट जारी करता है। 1 जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक 25 बिंदुओं को लेकर 195 देशों व 15 प्रदेशों पर शोध व सर्वे किया जाता है।