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वियतनाम के फाइटर्स को ट्रेनिंग देगा भारत

Published: Dec 06, 2016 11:29:00 am

 चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए वियतनाम को रक्षा सहयोग दिया जाएगा। दोनों देशों में हुअा करार। 

India Vietnam defence deal

India Vietnam defence deal

नई दिल्ली. भारत ने चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए रणनीति बदली है। जिन देशों के साथ चीन की कड़वाहट है, उनके साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया जा रहा है। इस कवायद में भारत वियतनाम के फाइटर पायलट्स को सुखोई-30 एमकेआई विमान उड़ाने की ट्रेनिंग देगा। भारत और वियतनाम के बीच बढ़ती नजदीकी से चीन चिढ़ सकता है।

हालांकि भारत पहले ही वियतनाम की नेवी को किलो-क्लास सबमरीन के ऑपरेशन की ट्रेनिंग दे रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर विवाद की वजह से वियतनाम और चीन के रिश्ते तल्ख हैं। बहरहाल, वियतनाम के फाइटर पायलट्स को सुखोई विमान उड़ाने की ट्रेनिंग से जुड़ा समझौता सोमवार को हुआ। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और उनके वियतनामी समकक्ष जनरल एन. जुआन लिच ने इस समझौते पर दस्तखत किए। जनरल लीच 30 सदस्यीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल के साथ 3 दिनों के भारत दौरे पर आए हैं। वियतनाम के एयर फोर्स और नेवी के प्रमुख भी आए हैं। इस समझौते पर 2013 में ही सहमति बन गई थी लेकिन कुछ वजहों से करार नहीं हो पाया था।

रक्षा तकनीक साझा कर रहे

सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी के वियतनाम दौरे पर इस समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी हुई थी। तब दोनों देशों में 2007 में हुए द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और आगे उठाने पर सहमति हुई थी। वास्तव में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख से भारत और वियतनाम दोनों ही चिंतित हैं। ये दोनों धीरे-धीरे मिलिट्री ट्रेनिंग और डिफेंस टेक्नॉलजी के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही दोनों देश दक्षिण चीन सागर में संयुक्त रूप से तेल खोजने का अभियान चला रहे हैं।

ब्रह्मोस मिसाइल की पेशकश

 भारत और वियतनाम के रक्षा सचिव 2017 की शुरुआत में मुलाकात करेंगे। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वियतनाम दौरे पर उसे 50 करोड़ डॉलर के सैन्य मदद का ऐलान किया था। दोनों देशों के रक्षा सचिव अपनी मुलाकात में उन प्रॉजेक्ट और उपकरणों की पहचान करेंगे जिस पर ये राशि खर्च की जाएगी। भारत ने वियतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने तक की पेशकश की है। इसके अलावा भारत ने वियतनाम को एंटी-सबमरीन टॉरपिडो वरुणास्त्र और दूसरे मिलिट्री हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के निर्यात का प्रस्ताव दिया है।
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