इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के बाद सुनामी का कहर, 43 लोगों की मौत, 600 घायल
भारत को करना होगा इंतजारबता दें कि ब्रिटिश कोर्ट ने 10 दिसंबर को विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। अब बताया जा रहा है कि इस आदेश के खिलाफ माल्या अपील कर सकता है लेकिन उसके लिए उसे जनवरी के अंत तक का इंतजार करना होगा क्योंकि निचली अदालत का आदेश अभी ब्रिटिश गृह मंत्री कार्यालय में लंबित है। माल्या के प्रत्यर्पण पर सरकार का पक्ष अभी होम मिनिस्टर साजिद वाजिद के हाथ में है। फिलहाल गृह मंत्री साजिद के पास 60 दिन हैं। इस अवधि में उन्हें फैसला देना होगा।गृह मंत्री साजिद के ऑर्डर के 14 दिन बाद माल्या अपील कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि गृह मंत्री साजिद भारत सरकार से कोई अतिरिक्त जानकारी मांगते हैं तो अंतिम फैसला लेने की समयसीमा और भी बढ़ सकती है। कोई भी फैसला लेने से पहले साजिद को माल्या के लिए 28 दिन का वक्त भी देना होगा ताकि वह अपनी बात रख सके। मंत्रालय द्वारा अपना फैसला लिए जाने के बाद माल्या 14 दिन के भीतर कोर्ट में अपील कर सकेगा।
बता दें कि हाल में ही माल्या के वकील ने कहा था कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ वह अपील करेंगे। उन्होंने कहा था कि माल्या अब कोर्ट के निर्णय पर विचार कर सकते हैं और इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में ऐप्लिकेशन दे सकते हैं। इस मामले में जानकारों का मानना है कि भारतीय जांच एजेंसियों को अब अधिक सतर्क रहना होगा। जानकारों का मानना है कि भले ही माल्या के प्रत्यर्पण पर भारत के पक्ष में फैसला आया हो, लेकिन ब्रिटिश जज ने भारतीय एजेंसियों को सुनवाई के दौरान जमकर लताड़ लगाई थी। जज ने अपना कहा था कि भारतीय एजेंसियों द्वारा बार-बार एक जैसे सबूत पेश किए जा रही हैं। साथ ही कोर्ट में पेश किए गए कई गवाह एक जैसी बातें कर रहे हैं। ब्रिटिश कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसियों की पेपरबाजी की आदत पर भी सवाल खड़े किये थे। बदले माहौल में अब भारत को अधिक सतर्क रहने की जरुरत है क्योंकि अगर माल्या ने हाईकोर्ट में अपील कर दी तो भारतीय एजेंसियों के सामने खासी मुश्किल खड़ी होने वाली है।
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