2 बार स्थगित हो चुकी है वार्ता भारत और अमरीका के बीच होने वाली यह वार्ता 2 बार स्थगित हो चुकी है। दोनों देशों में इस वार्ता को काफी महत्व दिया है । इससे पहले वार्ता स्थगित होने पर अमरीका ने निराशा जताई थी और कहा था कि वार्ता का स्थगित होना अमरीका के लिए रणनीतिक क्षति है। यह वार्ता दोनों देशों के बीच एक बड़े राजनीतिक और कूटनीतिक संवाद का मंच है। उम्मीद जताई जा रही है कि 2+2 वार्ता से दोनों देशों का सामरिक संबंध गहरा होगा और रूस व ईरान से जुड़े मतभेदों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद भारत और अमरीका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बीच इस वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर बात होगी। जिन मुद्दों पर चर्चा होनी हैं कई डिफेंस डील शामिल हैं। बता दें कि अमरीका ने भारत को महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार का दर्जा दिया है। लेकिन उसे रूस के साथ भारत की होने वाली डिफेंस डील्स को लकेर आपत्ति है। अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों को भारत को देने से पहले अमरीका भारत के समाने कुछ बुनियादी शर्तें रख रहा है। इन शर्तों को कम्यूनिकेशंस कॉम्पैटिबिलिटी ऐंड सिक्यॉरिटी अग्रीमेंट (COMCASA) नामक एक दस्तावेज में दर्ज किया गया है।
अमरीका भारत पर जोर दे रहा है कि वह इस दस्तावेज पर दस्तखत कर दे। बता दें कि COMCASA को लेकर दोनों देशों के बीच पिछले एक साल से बातचीत चल रही है। इस समझौते बाद भारत को हथियारबंद सी गार्डियन ड्रोन्स समेत अमरीका के कई अत्याधुनिक सैन्य उपकरण मिल जाएंगे। बता दें कि कामकासा को लेकर भारतीय सेना ने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। इस समझौते के तहत अमरीका से मिलने वाले सैन्य उपकरणों में इनक्रिप्टेड यूएस कम्यूनिकेशन का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस पर सेना को आपत्ति है।
आतंकवाद पर होगी अहम चर्चा दोनों देशों के बीच 2+2 वार्ता में आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। एक दिन पहले जब अमरीका के विदेश मंत्री पाकिस्तान में थे तो उन्होंने वहां की सरकार से ‘क्षेत्रीय शांति’ के लिए आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की अपील की। इससे पहले अमरीकी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने प्रे पाकिस्तान को 30 करोड़ डॉलर की मदद रोक दी थी। इसके अलावा अमरीका भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में बने आतंकवाद विरोधी समूह का हिस्सा भी बनाने के लिए जोर देगा।
रूस-ईरान को लेकर होगी बात अमरीका को भारत द्वारा रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने और ईरान से तेल के व्यापार पर गहरी आपत्ति है।अमरीका भारत पर रूस से मिसाइल सिस्टम न खरीदने का दवाब बना रहा है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस और ईरान के खिलाफ बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। अमरीका ने यह भी चेतावनी दी है कि इन दोनों देशों के साथ व्यापार करने वाले देशों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। हालांकि भारत पहले ही यह साफ कर दिया है कि वह इन मुद्दों पर अपने रुख में कोई तब्दीली नहीं करेगा। अमरीका के विदेश मंत्री भी यह कह चुके हैं कि 2+2 वार्ता में इन मुद्दों पर चर्चा होगी लेकिन मुख्य फोकस इस पर नहीं होगा। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा था कि यह वार्ता दोनों देशों के बीच बड़े और रणनीतिक मुद्दों पर होगी।