हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले भारतीय अमरीकी लेखक बेरा ने एक ट्वीट में कहा कि “मैं चीन को भारत के साथ अपने लंबे समय के कूटनीतिक तंत्र का उपयोग करने के लिए बाध्य करता हूं ताकि सीमा संबंधी मुद्दों को निपटाने के लिए स्थिति को बल दिया जा सके।”
एशिया पर सदन की विदेश उपसमिति के अध्यक्ष के रूप में, बेरा ने कहा कि वह भारत के साथ अपनी सीमा पर “जारी चीनी आक्रमण से चिंतित हैं”। “जबकि यह चीन और भारत के बीच का मामला है, यह मेरा विचार है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों ओर सैन्य बल बढ़ाना प्रतिघातक और अकारण होगा।”
अमरीका अपने सैनिकों को शिफ्ट कर रहा भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए चीन एक बड़ा खतरा है। ऐसे में अमरीका दुनियाभर में अपने सैनिकों की तैनाती में बदलाव की सोच रहा है। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ऐलान किया है कि अमरीका यूरोप में अपनी सैन्य उपस्थिति कम करेगा। गुरुवार को ब्रसेल्स में मीडिया के सवाल पर उन्होंने चीन को बड़ा खतरा बताया।
पोम्पेओ से पूछा गया था कि अमरीका ने जर्मनी में अपनी सेना को कम क्यों किया। इस दौरान अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि सैनिकों का स्थानांतरण अन्य स्थानों का सामना करने के लिए किया गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कार्रवाइयां भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और दक्षिण चीन सागर जैसे देशों के लिए खतरा है। उन्होंने बताया कि अमरीकी सेना को उन चुनौतियों से निपटने को लेकर उपयुक्त जगहों पर नियुक्त किया गया है।
चीनी कंपनियों की लोकप्रियता खत्म पोम्पियो ने इससे पहले कहा था कि दुनियाभर में चीन का बाजार धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी हुवेई के साथ पूरी दुनिया कारोबार करने से इनकार कर रही है। इस दौरान उन्होंने भारत में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि स्पेन के टेलीफोनिका, ऑरेंज, ओ 2, जियो, बेल कनाडा, टेलस, और रोजर्स जैसी कंपनियां बेहतर और साफ-सुथरा व्यापार कर रही हैं।