पाकिस्तान की और से इस दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। चूंकि हाल के कुछ घटनाक्रम ऐसे हुए जिसमें UAE और सऊदी अरब ने पाकिस्तान को जबरदस्त झटका देते हुए कोई भाव नहीं दिया और साथ ही पाकिस्तानियों को देश से बाहर निकालने की कवायद भी शुरू कर दी।
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बता दें कि भारत के किसी सेनाध्यक्ष का सऊदी अरब और UAE का पहला दौरा होगा। भारतीय सेना के अनुसार, जनरल नरवणे 12 से 14 दिसंबर तक तीन दिवसीय दौरे पर दोनों देश जाएंगे। सबसे पहले UAE जाएंगे जहां पर वे 12 दिसंबर तक रुकेंगे और फिर 13 और 14 दिसंबर को सऊदी अरब में रहेंगे।
इन तीन दिनों के दौरे पर जनरल नरवणे दोनों खाड़ी देशों की सेना के उच्च पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे और भारत के साथ संबंध मजबूत करने व अन्य कुछ मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
भारत के लिए कई मायनों में अहम है ये दौरा
आपको बता दें कि जनरल नरवणे का सऊदी और UAE का दौरा भारत के लिए कई मायनों में अहम माना जा रहा है। चूंकि भारत और सऊदी अरब के रिश्ते बीते कुछ वर्षों में बहुत ही प्रगाढ़ हुए हैं, वहीं पाकिस्तान के साथ इनके संबंध खराब हुए हैं। इसके अलावा सऊदी अरब ने भारत के साथ मिलकर डिफेंस इक्विपमेंट बनाने में दिलचस्पी दिखाई है।
ऐसे में सऊदी के उच्च सेना अधिकारियों के साथ कई अहम मुद्दों पर जनरल नरवणे की वार्ता हो सकती है। चीन, अमरीका और जापान के बाद भारत सऊदी का चौथा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। लिहाजा भारत में ईंधन आपूर्ति को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
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बता दें कि भारत 18 फीसदी कच्चा तेल सऊदी अरब से आयात करता है। यदि द्विपक्षीय व्यापार की बात करें तो पाकिस्तान और सऊदी के बीच 3.6 अरब डॉलर का कारोबार है, जबकि भारत और सऊदी का द्विपक्षीय व्यापार 27 अरब डॉलर का है।
मालूम हो कि जनरल नरवणे सऊदी अरब के रॉयल सऊदी लैंड फोर्स और जाइंट फोर्स हेडक्वार्टर जाएंगे। इसके अलावा किंग अब्दुल अजीज मिलिट्री एकेडमी का भी दौरा करेंगे। जनरल नरवणे अपने इस दौरे में सऊदी अरब के नेशन डिफेंस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट और फैकल्टी से भी मुलाकात करेंगे।
पाकिस्तान क्यों हुआ परेशान
आपको बता दें कि पाकिस्तान जनरल नरवणे के UAE और सऊदी अरब के दौरे से परेशान हो गया है। इसके पीछे कई कारण हैं। अभी हाल ही कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब को धमकी दी थी और कहा था कि यदि OIC इस मुद्दे पर कोई हस्तक्षेप नहीं करता है तो हम कुछ अलग कदम उठाएंगे।
इसके बाद कुरैशी की टिप्पणी से सऊदी काफी नाराज हो गया। पाकिस्तान को जब ये अहसास हुआ तो आनन-फानन में सेना प्रमुख बाजवा को सऊदी भेजा, लेकिन सऊदी प्रिंस ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और उन्हें बेरंग वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा सऊदी ने पिछलने महीने 2 अरब डॉलर के कर्ज को वापस लौटाने को कहा है।
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दूसरी तरफ UAE के साथ भी पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है। UAE ने पाकिस्तानियों के वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है। साथ ही एक अरब डॉलर के कर्ज को वापस मांगा है। ऐसे में आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज लौटाना पड़ सकता है।