श्रीनिवास को अमरीका से बाहर जाने को कहा था श्रीनिवास की हत्या ने पिछले साल काफी तूल पकड़ा था। इसे लेकर पूरी दुनिया में घृणा अपराध को लेकर बहस छिड़ गई थी। गौरतलब है कि उस समय अमेरिकी चुनाव का माहौल था और प्रचार में विदेशी नागरिकों के मुद्दे को राजनीतिक पार्टियां भुनाने में लगीं थीं। इस कड़ी में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीयों के देश में आकर अमरीकियों से नौकरी छीनने का मुद्दा उठाया था। जिसे लेकर अमरिकियों में आक्रोश बढ़ रहा था। 22 फरवरी 2017 की रात श्रीनिवास और उसका दोस्त एक रेस्टोरेंट के बाहर खड़े होकर बात कर रहे थे तभी पूर्व नौसेना अधिकारी एडम उनके सामने पहुंचा और चिल्लाने लगा की वे दोनों उनके देश से बाहर निकल जाएं। इसे लेकर दोनों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। इसके कुछ देर बाद एडम दोबारा उसी जगह पर आया और उसने उन पर गोलियां चला दीं। इस हमले में श्रीनिवास की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई, वहीं उसका दोस्त घायल हो गया।
कोर्ट के फैसले का स्वागत किया कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए श्रीनिवास की पत्नी सुनायना दुमाला ने कहा कि इस सजा से मेरे पति वापस तो नहीं आएंगे, लेकिन यह एक मजबूत संदेश देता है कि घृणा कभी स्वीकार्य नहीं होती है। उन्होंने कहा कि वह न्याय दिलाने के प्रयासों के लिए जिला अटॉर्नी के कार्यालय और ओथलो पुलिस का शुक्रिया अदा करती हैं। 33 वर्षीय कुचिभोतला ने हैदराबाद में अपना बचपन बिताया। इसके बाद वह टेक्सास विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए अमेरिका चले गए। यहां उसने एक घर खरीदा और शादी कर ली थी।