यू-ट्यूब ट्रांसपेरेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच 2 करोड़ 70 लाख शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से भारत की ओर से 93,21,943 वीडियो के कंटेंट को लेकर आपत्ति जताई गई थी।
अश्लील सामग्री (Sexually explicit) – 90 लाख (30 फीसदी)
भ्रामक (Spam) – 80 लाख (27 फीसदी)
घृणास्पद या अपमानजनक – 46 लाख (16 फीसदी)
हिंसक – 40 लाख (14 फीसदी)
खतरनाक कृत्य – 23 लाख (8 फीसदी)
बाल दुर्व्यवहार – 16 लाख (6 फीसदी)
आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला – 4.91 लाख (2 फीसदी)
वीडियो शेयरिंग और डाउनलोडिंग को लेकर यू-ट्यूब दुनियाभर में सबसे लोकप्रिय साधन है। यह गूगल का ही हिस्सा है। यू-ट्यूब पर हर मिनट दुनियाभर से करोड़ों वीडियो अपलोड होते हैं। इस पर मौजूद कंटेंट को लेकर लंबे समय से चिंता जाहिर की जाती रही है। कई देशों में इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लग चुका है।
आपको बता दें कि अश्लील वीडियो पर लगाम के लिए यू-ट्यूब तमाम तरह की कोशिशों के बावजूद लगाम लगाने में यूट्यूब विफल रहा है। इस तरह के वीडियो से मिनटों में लाखों कमाने के चक्कर में कई लोग नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए अश्लील वीडियो अपलोड करते हैं। इस तरह के कंटेंट से समाज में यौन अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं ।