विदेश मंत्रालय के अनुसार व्यक्तिगत निमंत्रण मिलने के बाद जरीफ कार्यक्रम में भाग लेने वाले थे। प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने कहा कि जरीफ के लिए जो मूल कार्यक्रम तय किया गया था और जिस पर सहमति बनी थी। उन्होंने तेहरान में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुर्भाग्य से यह यात्रा नहीं होगी।
ईरान और अमरीका 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से ही एक दूसरे के शत्रु हैं। 2018 के बाद से दोनों के बीच तनाव और बढ़ गया जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथाकथित ईरान परमाणु समझौते से हट गए। तीन जनवरी को अमरीकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से दोनों देश युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे।