समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सशस्त्र बलों के प्रवक्ता अबोलफजल शेकारची के हवाले से बताया, “मिसाइल परीक्षण और इस्लामी गणराज्य की समग्र रक्षात्मक क्षमता देश के रक्षा उद्देश्यों के लिए है और हमारे देश की सुरक्षा नीति के अनुरूप है।” उन्होंने कहा, “हम मिसाइलों का परीक्षण और विकास जारी रखेंगे। यह मुद्दा किसी भी वार्ता के ढांचे के बाहर है और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा है। हमे इस संबंध में किसी देश की अनुमति की जरूरत नहीं है।” शेकारची ने कहा कि ईरान ने क्षेत्रीय देशों को आश्वासन दिया है कि इस्लामी गणराज्य की मिसाइलों की शक्ति को बढ़ाने से अन्य देशों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस तरह के कदम केवल देश की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हैं।
ईरान की यह प्रतिक्रिया अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प संख्या 2231 का उल्लंघन हैं। अपने बयान में पोम्पियो ने कहा था कि, “हम इन गतिविधियों की निंदा करते हैं और ईरान से परमाणु हथियार गिराने के लिए डिजाइन की गईं बैलिस्टिक मिसाइलों से संबंधित सभी गतिविधियों को तुरंत रोकने की मांग करते हैं।” इसकी प्रतिक्रिया में ईरान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को पॉम्पियो के आरोपों को हास्यास्पद करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी भी संकल्प ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम या मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।