ज्यादतियों के खिलाफ अपना पक्ष रखेगा इस्लामिक मुल्कों की यह चुप्पी इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि इसी सप्ताह अमेरिका के दोनों प्रमुख दलों के सांसदों ने चीन में उइगुर मुस्लिमों पर लगने वाली पाबंदियों को लेकर सवाल उठाया था। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सीनेटर मार्को रुबियो के नेतृत्व वाले सांसदों के समूह ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय इन ज्यादतियों के खिलाफ अपना पक्ष रखेगा और समान विचारधारा वाली सरकारों को साथ लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाएगा। सांसदों ने यह पत्र विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो और वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन को लिखा था।
उत्पीड़न को लेकर चिंता जताई थी इससे पहले यूरोपियन यूनियन के अधिकारियों ने भी शिनजियांग में मुस्लिमों के कथित उत्पीड़न को लेकर चिंता जताई थी। दूसरी तरफ इंडोनेशिया,सऊदी अरब,मलयेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों की सरकारों ने चीन में उइगुर मुस्लिमों पर ज्यादती को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया है। यही नहीं इन देशों की ओर से कोई औपचारिक बयान तक जारी नहीं किया है। सबसे आश्चर्यजनक तुर्की का रवैया है, जिसने पिछले दिनों तुर्की भाषी इन मुस्लिमों को अपने ही यहां जगह देने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन इस बार आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश की ओर से कोई बयान तक सामने नहीं आया है।