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इजरायल: दो साल में चौथी बार होंगे आम चुनाव, 23 मार्च को होगी वोटिंग, पीएम नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

locationनई दिल्लीPublished: Mar 21, 2021 08:31:30 pm

Submitted by:

Anil Kumar

इजरायल में जारी सियासी उठापटक के बीच दो सालों के भीतर चौथी बार संसदीय चुनाव होंगे। 23 मार्च को वोटिंग होगी। वोटिंग से पहले पीएम नेतन्याहू के खिलाफ लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।

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Israel: General election to be held for fourth time in two years

तेल अबीब। इजरायल में बीते दो सालों से जारी सियासी संकट टलने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है कि दो सालों के भीतर यह चौथी बार है जब संसदीय चुनाव कराए जाएंगे। एक दिन बाद यानी 23 मार्च को इजरायल में संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग होगी।

मतदान से पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल, शनिवार को पीएम नेतन्याहू के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू के विरोध में काले झंडे भी लहराए। इतना ही नहीं ‘बीबी घर जाओ’ के नारे भी लगाए। बता दें कि ‘बीबी’ नेतन्याहू को उपनाम है।

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मालूम हो कि कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रहने और बिना किसी योजना के लॉकडाउन लगाने की वजह से देश में आई मंदी, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर आम लोगों में नेतन्याहू के खिलाफ भारी गुस्सा है। इसको लेकर बीते एक महीने से अधिक समय से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के 39वें दिन शनिवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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23 मार्च को होगी वोटिंग

आपको बता दें कि दो साल के भीतर इजरायल में चौथी बार चुनाव होंगे। 23 मार्च को मतदान होगा। इस बार पीएम नेतन्याहू का भविष्य दांव पर लगा है। चूंकि पिछले तीनों चुनाव में नेतन्याहू को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जिसके कारम उन्हें गठबंधन की सरकार बनाने पर विवश होना पड़ा। इस बार भी कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।

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चूंकि आम लोगों में नेतन्याहू के खिलाफ भारी गुस्सा है, ऐसे में इस चुनाव को नेतन्याहू के लिए एक जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है। नेतन्याहू और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसकी वजह से इस चुनाव में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।

नेतन्याहू को 30 सीटें मिलने का अनुमान

राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि इस बार नेतन्याहू की लिकुड पार्टी महज 30 सीटों पर ही सिमट कर रह जाएगी, जो कि बहुमत से काफी कम है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए उन्हें फिर से छोटे-छोटे दलों का साथ लेना पड़ेगा। इजरायली मीडिया के अनुमान जताया है कि 120 सदस्यीय संसद में लिकुड पार्टी 30 सीटों पर जीत हासिल करेगी, जबकि उसके गठबंधन सहयोगी दल 50 सीटें हासिल कर सकती है।

वहीं, विरोधी दल 56-60 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। नेतन्याहू विरोधी सबसे बड़ा दल येश अतिद पार्टी 20 सीटें जीत सकता है। ऐसे में किसी के लिए भी अपने बल पर सरकार बनाना संभव नहीं है। लिहाजा, एक बार फिर से इजरायल में गठबंधन की सरकार बनने के पूरे आसार है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या नेतन्याहू फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं या नहीं। यदि बनते हैं तो कितने दिनों तक सरकार चलाने में सफल रहते हैं?

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