इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) भी कह चुका है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह वायरस खून चूसने वाले मच्छरों से फैल सकता है, जो मनुष्यों को काटने पर डेंगू और अन्य बीमारियों को फैलाते हैं।
रिसर्च संस्था IZSVe और नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट के साझा अध्ययन में ये साबित हो चुका है। कि न ही टाइगर मच्छर और न ही साधारण मच्छर, कोरोना को फैला सकते हैं। नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट का कहना है कि शोध के दौरान संक्रमित रक्त भोजन के माध्यम से मच्छर को दिया गया था। ये रक्त दूसरे के शरीर में संक्रमण फैलाने में सक्षम नहीं था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस बात के प्रमाण पहले ही मिल चुके हैं कि मच्छर इस वायरस को ट्रांसमिट नहीं कर सकते हैं। इससे पहले इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा था कि मच्छरों की वजह से ये वायरस तेजी से फैल रहा है। गौरतलब है कि अभी तक कोरोना के लिए कोई भी वैक्सीन बजार में नहीं आई है। इसका संक्रमण तेजी से दुनिभर में फैल रहा है। भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में बीते चार महीनों से इस महामारी की वजह से लाखों लोगों की जान जा चुकी है।