जो बिडेन ने तिब्बत मामले पर चीन को सीधे-सीधे चेतवानी दी है। बिडेन ने तिब्ब्त पर सख्त नियंत्रण की चीन ( China ) की योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यदि वे सत्ता में आए तो उनकी सरकार सूदूर हिमालयी क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार चीनी अधिकारियों पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा।
बिडेन ने आगे यह भी कहा कि हमारी सरकार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही तिब्बतवासियों की मदद के लिए कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि रेडियो फ्री एशिया और वॉइस ऑफ अमरीका रेडियो सेवाओं में तिब्बत भाषा सेवा को शामिल करेंगे, जिससे पूरी दुनिया की जानकारी तिब्बत के लोगों तक पहुंच सके।
दलाई लामा से करेंगे मुलाकात
जो बिडेन ने अपने बयान में ये वादा किया है कि जब वे राष्ट्रपति बन जाएंगे तो तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करेगें। इसके बाद तिब्बत मामलों के लिए एक नया विशेष समन्वयक भी नियुक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद वे चीन पर दबाव बनाएंगे कि चीन सरकार अमरीकी राजनयिकों और पत्रकारों समेत अमरीकी नागरिकों की तिब्बत तक पहुंच को बहाल करे।
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बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह कहा था कि एक नए युग के लिए तिब्बत पर शासन के लिए पार्टी की नीतियों को पूर्ण तरीके से लागू करने के प्रयास अवश्य किए जाने चाहिए।
बिडेन ने आरोप लगाते हुए कहा डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले पर अपनी आंखे मूंद ली है। लेकिन सरकार बनने पर बिडेन-हैरिस प्रशासन तिब्बत के लोगों के समर्थन में खड़ा होगा। उन्होने कहा कि चीन को लेकर ट्रंप सरकार की नीति बहुत ही कमजोर है।
चीन-अमरीका में तकरार
आपको बता दें कि कई मामलों को लेकर अमरीका और चीन में तकरार है। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर से शुरू हुआ विवाद कोरोना वायरस के मामले में काफी बढ़ गया। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार खुले मंच से ये आरोप लगा चुके हैं कि चीन ने जानबुझकर कोरोना वायरस की जानकारी दुनिया से छिपाई है।
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इसके अलावा ट्रंप ने हांगकांग और ताइवान मामले पर भी चीन को कटघरे में खड़ा किया है। दक्षिण चीन सागर पर भी चीन की बढ़ती आक्रमकता के खिलाफ अमरीका ने अपने दो आधुनिक युद्धपोत तैनात कर रखे हैं। इससे भी दोनों देशों में तल्खियां काफी बढ़ी है। इतना ही नहीं, अभी हाल ही में टेक्सास स्थित चीनी दूतावास को बंद करने का आदेश दिया तो चीन ने चेंगदू स्थित अमरीकी दूतावास को बंद करने की कार्रवाई की है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि यदि अमरीका में सत्ता परिवर्तन होता है तो क्या चीन-अमरीका के संबंधों में आई तल्खियां कम होती है या नहीं। या फिर ट्रंप के वापस सत्ता में लौटन से दोनों देशों के रिश्तों में क्या बदलाव आता है।