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राफेल डील को लेकर कथित अनियमितताओं की खबरें
एक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2016 में भारत और फ्रांस के बीच हुई इस डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक तौर पर 14 जून से शुरू हो गई थी। इसी साल अप्रैल के महीने में फ्रांसीसी वेबसाइट ने राफेल सौदे के कथित अनियमितताओं को लेकर कई रिपोर्ट सामने आई थी। मीडियापार्ट ने दावा किया था कि राफेल डील में मदद करने वाले लोगों को छिपाकर करोड़ों रुपए दलाली दिया गया।
जांच पर लगाई थी रोक
एक रिपोर्ट में दावा कि गया कि फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख इलियाने हाउलेट ने आपत्ति के बाद राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच पर रोक लगाई थी। खबरों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि हाउलेट ने फ्रांस के हितों, संस्थानों के कामकाज को संरक्षित करने के नाम पर जांच को रोकने के अपने फैसले को सही बताया था।
2016 में 36 राफेल जेट का हुआ था सौदा
आपको बता दें कि साल 2016 में भारत सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट का सौदा किया। जिसके तहत एक दर्जन राफेल विमान भारत को मिल भी गए हैं। दोनों देशों के बीच जब यह डील हुई थी, उस समय भारत में काफी विवाद हुआ था। लोकसभा चुनाव से पहले राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
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अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस विवादों के घेरे में
इस पूरे मामले को लेकर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम भी काफी सुर्खियों में आया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई मौकों पर इस डील को लेकर रिलांयस पर कई गंभीर सवाल खड़े किए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल ने राफेल डील में भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।