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Kerla के अकेले यात्री को लेकर फ्रैंकफर्ट से सिंगापुर पहुंचा विमान, ये है बड़ी वजह

locationनई दिल्लीPublished: Jul 04, 2020 11:30:43 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

जर्मनी ( Germany ) के फ्रैंकफर्ट से सिंगापुर के लिए एक विमान ने उड़ान ( Frankfurt-Singapore flight ) भरी, लेकिन इस विमान में सिर्फ एक यात्री सवार ( lone passenger onboard ) था। यह मामला बीते महीने 14 जून का है।
केरल के आलाप्पुजा ( Alappuzha ) में रहने वाले प्रताप पिल्लई ( Prathap Pillai ) जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर से सिंगापुर जाने के लिए फ्लाइट में बैठे थे।

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Kerala man becomes the lone passenger onboard a Frankfurt-Singapore flight

फ्रैंकफर्ट। हवाई जहाज ( Airoplane ) में कम से कम एक बार सफर करने का दिल तो हर किसी को करता है, लेकिन कई कारणों से ऐसा नहीं हो पाता है। पर यदि आपको हवाई जहाज में अकेले सफर करने का अवसर मिल जाए तो शायद आपके लिए यह किसी सपने से कम नहीं होगा। पर ऐसा ही एक मामला जर्मनी ( Germany ) से सामने आया है।

दरअसल, जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से सिंगापुर ( Frankfurt-Singapore flight ) के लिए एक विमान ने उड़ान भरी, लेकिन इस विमान में सिर्फ एक यात्री सवार था। यह मामला बीते महीने 14 जून का है। केरल के आलाप्पुजा में रहने वाले प्रताप पिल्लई ( Prathap Pillai ) जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर से सिंगापुर जाने के लिए फ्लाइट में बैठे। जब वह विमान के अंदर पहुंचे तो वहां एक भी यात्री नहीं था। बाद में उन्हें पता चला कि वे इस फ्लाइट में इकलौते यात्री ( lone passenger onboard ) हैं।

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बता दें कि कोरोना संक्रमण ( Coronavirus ) के कारण इस तरह के कई अलग-अलग मामले सामने आए हैं और लोगों का ट्रैवल एक्सपीरियंस ( Travel experience ) बहुत ही अलग रहा है। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब किसी यात्री विमान ने केवल एक यात्री को लेकर उड़ान भरी और उसे उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

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तीन महीने से जर्मनी में फंसे रहे प्रताप पिल्लई

कोरोना वायरस के खतरे के कारण जर्मनी समेत तमाम यूरोपीय देशों में लॉकडाउन ( Lockdown in European countries ) लागू किया गया। लेकिन इसी लॉकडाउन में प्रताप पिल्लई जर्मनी में फंस गए। पिल्लई मरीन इंडस्ट्री में काम करते हैं। वे लॉकडाउन से ठीक पहले सिंगापुर से जर्मनी के हैमबर्ग शहर ( Hamburg city, Germany ) गए थे। पर जब सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी और यातायात की सभी सेवाएं बंद कर दी, तो मजबूरन पिल्लई को 3 महीने तक यहां रूकना पड़ा। अब जब जर्मनी ने लॉकडाउन में ढील दी और हवाई सेवा फिर से शुरू की तो पिल्लई सिंगापुर के लिए रवाना हुए।

एक मीडिया रिपोर्ट में ये बताया गया है कि प्रताप पिल्लई के पास जून में वापस भारत आने के मौका था। क्योंकि भारत सरकार ने ‘वंदे भारत फ्लाइट’ ( Vande Bharat Flight ) के तहत विदेश में रहने वाले अपने सभी नागरिकों को वापस लाने की व्यवस्था की थी। हालांकि, वे नहीं आए, क्योंकि वंदे भारत फ्लाइट केवल नई दिल्ली तक के लिए थी, जबकि उन्हें केरल के अल्लाप्पुजा शरह स्थित अपने घर जाना था। अल्लाप्पुजा में पिल्लई की पत्नी बतौर डॉक्टर कार्यरत हैं।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि पिल्लई कोरोना संकट के बीच कई तरह के जोखिमों की वजह से नई दिल्ली से केरल की यात्रा नहीं करना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने फ्रैंकफर्ट से सीधे सिंगापुर के लिए फ्लाइट पकड़ी।

विमान में सवार थे 10 क्रू मेंबर्स

जब प्रताप पिल्लई विमान में सवार हुए तो उन्हें पता चला कि वे इकलौते यात्री हैं। जितने भी यात्रियों ने टिकट बुक कराई थी, उनमें से सभी ने कोरोना की वजह से अपनी टिकटें कैंसिल करा ली थीं। ऐसे में वे इस फ्लाइट में ट्रैवल करने वाले अकेले यात्री बचे हैं। हालांकि विमान में 10 क्रू मेंबर्स ( Crew members ) मौजूद थे।

विमान में अकेले सफर करने के इस अनुभव को लेकर पिल्लई ने बताया कि जिन्दगी में कभी भी नहीं भूल पाने वाला यादगार पल रहा। उन्हें विमान में सोशल डिस्टेंसिंग ( Social Distancing ) जैसे नियमों का पालन करने की कोई चिंता भी नहीं थी।

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