सभी देशों ने इस गठबंधन की शुरुआत चीन के बढ़ते प्रभाव के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार ( International Trade ), सुरक्षा और नागरिक अधिकारों ( Human Rights ) के लिये पैदा होने वाले खतरों से निपटने और जवाब देने के लिए की है।
China के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को बड़ा झटका, Hongkong के 30 लाख लोगों को ब्रिटेन आने की पेशकश
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अंतर संसदीय गठबंधन ( Cross Parliamentary Alliance ) को शुक्रवार को लॉंच किया गया। यह गठबंधन ऐसे समय में बनाया गया है जब अमरीका और चीन के बीच आर्थिक गतिविधियों को लेकर काफी तनाव चल रहा है। साथ ही चीन कोरोना संकट के बीच क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने में जुट गया है।
अभी चीन ने इसी सप्ताह में हांगकांग ( Hong Kong ) में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( National Security Legislation ) को लागू किया है, साथ ही राष्ट्रीय गान को लेकर एक बिल को पारित कराया है। इसको लेकर अमरीका और ब्रिटेन ने निंदा की है। अमरीका ने चीन के इस कदम को शहर की स्वायत्तता के लिए खतरा बताया था।
चीन ने IPAC को बताया फर्जी
आठ देशों के इस इंटर-पार्लामेंटरी अलायंस ऑन चाइना ( IPAC ) को चीन में ‘फर्जी’ बताया जा रहा है। चीन ने कहा है कि 20वीं सदी की तरह उसे अब कोई भी परेशान नहीं कर सकेगा। ड्रैगन ने धमकी भरे अंदाज में कहा है कि पश्चिम के नेताओं को कोल्ड वॉर ( Cold War ) वाली सोच से बाहर आ जाना चाहिए।
चीन ने कहा कि वह 1990 के दशक वाला नहीं है। उस दौर में ब्रिटेन, अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, रूस, जापान, इटली और ऑस्ट्रिया-हंगरी ने मिलकर ‘8 नेशन अलायंस’ बनाया था। चीन के ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इन देशों की सेनाओं ने बीजिंग और दूसरे शहरों में लूटपाट मचाई और साम्राज्यवाद के खिलाफ चल रहे यिहेतुआन आंदोलन को दबाने की कोशिश की थी।
ये हैं आठ सदस्य देश
आपको बता दें कि IPAC में अमरीका, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्वीडन, नॉर्वे और यूरोप की संसद के सदस्य शामिल हैं। इस अलायंस का मकसद चीन से जुड़े हुए मुद्दों पर सक्रियता से रणनीति बनाकर सहयोग के साथ उचित प्रतिक्रिया देना है। अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मार्को रूबियो IPAC के सह-अध्यक्षों में से एक हैं।