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दिल्ली हिंसा: विदेश मंत्रालय का अमरीकी आयोग को जवाब, गलत और भ्रामक बयान न दें

locationनई दिल्लीPublished: Feb 27, 2020 01:16:23 pm

Submitted by:

Shweta Singh

USCIRF और अन्य सभी के बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक: MEA
विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी न करने की दी सलाह

MEA Responds to USCIRF

नई दिल्ली। दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में फैली हिंसा पर अमरीका के कई नेताओं और संगठनों ने टिप्पणी देते हुए इसकी निंदा की थी। अब भारत के विदेश मंत्रालय ने इन बयानों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। मंत्रालय ने खासकर अमरीकी कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF ) के बयान पर निशाना साधा है।

सभी बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक: MEA

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘हमने USCIRF, विदेशी मीडिया के कुछ भागों और कुछ नेताओं के दिल्ली हिंसा पर की गई टिप्पणी को सुना है। हमने पाया कि यह सभी बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं। इसके साथ ही ये इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के उद्देश्य से प्रतीत होते हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1232900040730918913?ref_src=twsrc%5Etfw

USCIRF ने किया था ट्वीट

यह बयान उस वक्त आया जब एक दिन पहले USCIRF ने भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए ट्वीट किया था,’दिल्ली में मुस्लिमों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमिशन बेहद चिंतित है। हम मोदी सरकार से अपील करते हैं कि भीड़ पर काबू करें। इसके साथ ही हिंसा में निशाना बन रहे धार्मिक अल्पसंख्यक और अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।’ बता दें कि यह संस्था दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के मामलों पर नजर रखती है, जिसकी स्थापना 1998 में की गई थी।

विदेश मंत्रालय ने गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी न करने की दी सलाह

मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां हिंसा को रोकने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम कर रही हैं। वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधि प्रक्रिया में शामिल रहे हैं। पीएम ने शांति और भाईचारे की अपील की। हम आग्रह करेंगे कि इस समय गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी न की जाए।

https://twitter.com/ANI/status/1232900618177499137?ref_src=twsrc%5Etfw

बर्नी सैंडर्स ने भी की थी हिंसा की निंदा

USCIRF के अलावा अमरीकी मीडिया में भी दिल्ली हिंसा की खबरों को प्रमुखता से उठाया और इसकी निंदा की है। यही नहीं, ट्रंप के प्रतिद्वंदी बर्नी सैंडर्स ने भी इस हिंसा को मानवाधिकारों पर हमला बताया। सैंडर्स ने इस हिंसा पर दिए ट्रंप के बयान पर भी निशाना साधा। दरअसल, ट्रंप ने इस हिंसा को भारत का आंतरिक मामला बताया था।

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