केरल में बाढ़ से तबाही, पीएम मोदी ने 500 करोड़ रुपए सहायता राशि की घोषणा की
लोगों के बीच होनी चाहिए चर्चा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल को पेश करने वाली लेबर पार्टी की सांसद गिन्नी एंडरसन ने कहा कि गर्भपात देश में बैन है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लीव और सुविधा को लेकर पब्लिक के बीच चर्चा होनी चाहिए। बता दें कि न्यूजीलैंड में अभी किसी अपने या किसी करीबी परिजनों या फिर बच्चे के लिए छुट्टी का प्रावधान है। अगरे ये प्रस्ताव पारित हो जाता है तो अजन्मे बच्चे की मृत्यु या गर्भपात की स्थिति में भी ये सुविधा वे ले सकेंगे।
समर्थन में 3,700 लोगों ने किए हस्ताक्षर
आपको बता दें कि इस बिल के समर्थन वाली पिटिशन पर अब तक 3,700 लोगों के हस्ताक्षर करा चुके हैं। वहीं, दो साल पहले गर्भपात का दर्द झेल चुकीं काथरिन वान बीक ने कहा कि गर्भपात का दर्द झेलने वाली किसी भी महिला और उसके पति को यह लीव लेने का अधिकार है।
भारत में महिलाओं को गर्भवती होने पर मिलती छुट्टी
गौरतलब है कि भारत में गर्भवती महिलाओं को मैटरनिटी लीव दी जाती है। ये छुट्टी उन्हें 26 हफ्तों की दी जाती है। बता दें कि 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश सिर्फ दो बच्चों के जन्म तक ही मिलेगा। इसमें छह सप्ताह प्रसव से पहले होगा। 2 से अधिक बच्चे अधिक बच्चे होने पर यह अवकाश सिर्फ 12 सप्ताह का ही मिलेगा। हालांकि सदन में इस बीच पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने मांग की थी कि दो से अधिक बच्चों के लिए भी इसे बढ़ाया जाना चाहिए।