scriptMission Apollo 17: NASA दूसरी बार करेगा चांद से लाए गए नमूनों का विश्लेषण | Mission Apollo 17: NASA will analyze samples from the moon for the second time | Patrika News

Mission Apollo 17: NASA दूसरी बार करेगा चांद से लाए गए नमूनों का विश्लेषण

locationनई दिल्लीPublished: Nov 08, 2019 11:03:58 pm

Submitted by:

Anil Kumar

दिसंबर 1972 में नासा का अपोलो 17 पृथ्वी पर वापस लौटा था
अपोलो 17 अपने साथ मून रॉक और मिट्टी के नमूने लेकर आया था

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वाशिंगटन। अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों की ओर से हर दिन नए-नए खोज किए जाते रहे हैं और हर दिन रहस्यमय जानकारियां सामने आती रहती है। पृथ्वी से इतर बाहरी ग्रह और उपग्रह में जीवन की संभावनाओं की तलाश में जुटे वैज्ञानिकों को अब तक कई तरह का जानकारियां मिली है और कई अहम जानकारियों के लिए लगातार शोध कर रही है।

इसी कड़ी में अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को एक बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों ने अपोलो 17 चंद्र मिशन द्वारा वापस लाए गए एक अछूते मून रॉक और मिट्टी के नमूने को खोला है। अपोलो 17 जो दिसंबर 1972 में पृथ्वी पर वापस लौटा था, तब चंद्रमा की मिट्टी लेकर आया था।

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मिट्टी के इस नमूने को नासा के अपोलो नेक्स्ट-जेनेरेशन सैंपल एनालिसिस (ANGSA) के पहल के तौर पर मंगलवार को खोला गया था। मंगलवार को जिन नमूनों को दोबारा अध्ययन के लिए निकाला गया, वह अपोलो 17 अभियान के अंतरिक्ष यात्री जीन सरनान और जैक श्मिट धरती पर लाए थे। इस अभियान में तीन अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। यह अभियान 19 दिसंबर को पूरा हुआ था। इसके बाद से चंद्रमा पर अब तक कोई मानव मिशन नहीं भेजा गया है।

नई खोज में मदद करेगा नमूनों को अध्ययन

वैज्ञानिकों ने बताया है कि इन परीक्षणों का उद्देश्य आर्टेमिस मिशनों पर चंद्रमा से एकत्र किए गए भविष्य के नमूनों का अध्ययन करने के लिए तकनीकों का अभ्यास करना है। आगे यह भी बताया कि 2024 तक चंद्रमा पर पहली महिला और अगले आदमी को उतारने के नासा के मिशन को इस शोध से काफी मदद मिलेगी।

नासा के खगोलशास्त्री क्यूरेटर फ्रांसिस मैक्कुबिन ने कहा कि अब इन नमूनों के परीक्षण से चंद्रमा के बारे में नई वैज्ञानिक खोज हो सकेगी और वैज्ञानिकों की एक नई पीढ़ी को आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लौटाए गए भविष्य के नमूनों के बेहतर अध्ययन के लिए अपनी तकनीकों को परिष्कृत करने की अनुमति मिलेगी।

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उन्होंने यह भी कहा कि हमारी वैज्ञानिक तकनीकों में पिछले 50 वर्षों में काफी सुधार हुआ है और वैज्ञानिकों के पास इन नमूनों का विश्लेषण करने का अवसर है जो पहले संभव नहीं थे।

अधिकांश नमूनों का अध्य्यन किया जा चुका है

आपको बता दें कि अपोलो मिशन से वापस लाए गए अधिकांश नमूनों का या तो अध्ययन किया गया है या वे नासा में चल रहे शोध का हिस्सा हैं। हालांकि, कई नमूनों को सावधानीपूर्वक संग्रहीत किया गया था और इसे विकसित करने के लिए अधिक उन्नत तकनीक के साथ परीक्षण करने के लिए अलग रखा गया था।

ANGSA कार्यक्रम के वैज्ञानिक डॉ. सारा नोबल ने कहा कि इन नमूनों का विश्लेषण वैज्ञानिकों और क्यूरेटरों की एक नई पीढ़ी को अपनी तकनीकों को परिष्कृत करने और 2020 के बाद के समय में प्रत्याशित चंद्र मिशनों के लिए भविष्य के खोजकर्ता तैयार करने में मदद करेगा।

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