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पिता को पति के रूप में मानती है यहां की लड़किया, कारण जानकर दंग रह जाएंगे

यहां बेटी की शादी अपने ही पिता से करवाई जाती है।

जयपुरDec 28, 2017 / 11:42 am

Ravi Gupta

नई दिल्ली। पूरे विश्व में तरह-तरह की मान्यताएं प्रचलित है। हर धर्म,जाति और समुदाय के लोगों के अपने-अपने रीति-रिवाज है और इन नियमों का पालन करना भी आवश्यक माना जाता है। शादी से भी जुड़ी हर प्रान्त या जाति क ी भी अपनी सीमाएं है जिसे लोग बड़ी ही निष्ठापूर्वक पालन करते हैं। आज हम शादी से जुड़ी एक ऐसे ही परंपरा की बात करेंगे जिसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हों।
हम सभी जानते है कि शादी क े बाद लड़कियों की विदाई एक आम बात है जो कि सदियों से चलता आ रहा है और आगे भी जारी रहेगा। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी समुदाय है जिनके यहां शादी के बाद लड़कियों की विदाई नहीं होती क्योंकि यहां बेटी की शादी अपने ही पिता से करवाई जाती है। ये बात सुनकर आपको जरूर हैरानी होगी और मन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि भला ऐसे कैसे हो सकता है? एक पिता कैसे अपनी बेटी से ब्याह रचा सकता है? लेकिन ये बात बिल्कूल सच है। इस समुदाय में बच्चियों को बचपन से ही यहीं सिखाया जाता है कि उनकी शादी उनके पिता से ही होगी। जिसके चलते यहां की लड़कियां मानसिक रूप से इस बात के लिए तैयार रहती हैं।
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हमारे देश में ऐसा करना किसी अपराध से कम नहीं लेकिन भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में यह प्रथा प्रचलित है। बांग्लादेश में मंडी नामक एक जनजाति पाई जाती है जो इस कुप्रथा का पालन करते हैं। इस जनजाति क ी एक लड़की कहती है कि बचपन में उसके पिता की मौत हो जाती है जिसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी की। उसके बाद से वो अपने सौतेले पिता को अपने पति के रूप में मानने लगी। इस समय उक्त बच्ची को अपने पिता से तीन बच्चे हंै और उसकी मां को अपने दूसरे पति से दो बच्चे हैं। इस समुदाय को गारो नाम से भी जाना जाता है। इस वक्त भारत और बांग्लादेश में इस समुदाय के करीब 20 लाख लोग रहते हैं।

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