सेना ने अपनी चेतावनी में भी यह भी कहा है कि तख्तापलट करने वाले नेताओं के खिलाफ नफरत फैलाने और उनकी अवमानना करने वालों को लंबी सजा होगी। इसके साथ ही उन पर जुर्माने की कार्रवाई भी होगी। इस चेतावनी को तमाम शहरों की सडक़ों पर बख्तरबंद गाडिय़ों के दिखने के बाद की गई है।
हाल के दिनों में कई हजार लोगों ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी आंग सान सूकी समेत कई निर्वाचित नेताओं को हिरासत से छोडऩे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की यह भी मांग है कि देश में लोकतंत्र की बहाली जल्द से जल्द की जाए।
बता दें कि गत सोमवार को आंग सान सूकी के वकील खिन माउंग जॉ ने जानकारी दी कि सूकी की हिरासत दो दिनों के लिए और बढ़ा दी गई है। वह नेपिडॉ की एक कोर्ट में होने वाली सुनवाई में वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल होंगी।
गौरतलब है कि म्यांमार सेना ने आंग सान सूकी और सरकार में शामिल कुछ प्रमुख नेताओं को गत 1 फरवरी को हिरासत में ले लिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सूकी समेत इन नेताओं की हिरासत की अवधि 15 फरवरी यानी सोमवार को खत्म होने वाली थी, जिसे ऐन वक्त पर बढ़ाकर 17 फरवरी कर दिया गया।