लैंडर के होने का कोई सबूत नहीं: NASA
अमरीकी एजेंसी नासा ने अपने ताजा जानकारी में बताया कि लूनर रिकॉर्नेशन ऑर्बिटर (LRO) को चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के होने का कोई साक्ष्य नहीं मिल सका है। LRO मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ एडवर्ड पेट्रो ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि लूनर रिकॉर्नेशन ऑर्बिटर ने 14 अक्टूबर को विक्रम लैंडर के लैंडिंग साइट वाले एरिया में प्रवेश किया था, लेकिन उसे वहां लैंडर के होने का कोई सबूत नहीं मिला।
इस तकनीक से की गई थी लैंडर को खोजने की कोशिश
पेट्रो ने बयान में आगे कहा कि नासा की टीम ने चेंज डिटेक्शन तकनीक की मदद से LRO द्वारा खींची तस्वीरों की सावधानीपूर्वक जांच की। इसकी बारीकी से जांचकर विक्रम का पता लगाने की कोशिश की गई, जो असफल रही। पेट्रो ने बताया कि इस तकनीक का उपयोग चंद्रमा पर नए उल्कापिंड के प्रभाव को खोजने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि इससे पहले 17 सितंबर को भी LRO ने इस साइट के ऊपर से उड़कर कई हाई रिजॉल्यूशन फोटोज ली थी। लेकिन उसमें भी लैंडर का पता नहीं चल सका था।
ये हो सकते हैं असफलता का कारण
LRO मिशन के उप परियोजना वैज्ञानिक जॉन केलर ने भी इस बारे में बयान दिया। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसा हो सकता है कि लैंडर किसी गढ्ढे की छाया में हो, या खोज क्षेत्र के बाहर चला गया हो। दरअसल, कम अक्षांश के कारण चांद पर लगभग 70 डिग्री दक्षिण में स्थित इस क्षेत्र के कई हिस्से गहरे अंधेरे भी हैं।