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नासा ने दो पिंडों वाले दुलर्भ क्षुद्रग्रह की खोज की

locationनई दिल्लीPublished: Jul 14, 2018 03:11:12 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

दुनिया के तीन सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप से किए गए नवीन विश्लेषण से यह बात सामने आई है।

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नासा ने दो पिंडो वाले दुलर्भ क्षुद्रग्रह की खोज की

वाशिंगटन। नासा ने पिछले साल जिस क्षुद्रग्रह की खोज की थी वास्तव में वह दो पिंडों वाला दुर्लभ क्षुद्रग्रह है। 900 मीटर आकार के ये दो पिंड एक-दूसरे की कक्षा की परिक्रमा कर रहे हैं। यह बात दुनिया के तीन सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप से किए गए नवीन विश्लेषण से सामने आई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, बीते साल दिसंबर में मोरक्को औकेमेडेन स्काई सर्वे की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारियों से 2017 वाइई—5 नाम का एक क्षुद्रग्रह खोजा गया था। जून तक इस क्षुद्रग्रह के गुणों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई थी।
विश्लेषण से सच आया सामने

नए विश्लेषण के अनुसार यह पृथ्वी के पास का सिर्फ चौथा समान द्रव्यमान वाला क्षुद्रग्रह है,जिसमें लगभग एक समान आकार वाले दो पिंड हैं और दोनों एक-दूसरे की परिक्रमा कर रहे हैं। नासा के मुताबिक,नए विश्लेषण से इस क्षुद्रग्रह की अब तक की सबसे स्पष्ट तस्वीरें सामने आई हैं। बीते 21 जून को 2017 वाइई पांच पृथ्वी के सबसे करीब आया था। कम से कम अगले 170 साल में वह पृथ्वी के इतना करीब नहीं आ सकेगा। जून में यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 60 लाख किलोमीटर की दूरी के दायरे में आ गया था। बीते 21 और 22 जून को नासा के गोल्डस्टोन सौर प्रणाली राडार ने कैलिफोर्निया में पहली बार बताया कि यह 2017 वाइई 5 एक बाइनरी प्रणाली हो सकती है,जिसमें दो पिंड हैं। बाद में दोनों पिंडों ने एकदूसरे की परिक्रमा की।
क्या है क्षुद्रग्रह

हम सभी जानते हैं कि हमारी सौर प्रणाली में नौ ग्रह हैं जो सूर्य के इर्द-गिर्द अंडाकार कक्षाओं में घूमते रहते हैं। इन ग्रहों के अतिरिक्त बहुत से ऐसे छोटे-छोटे पिंड या पत्थरों के विषम ढेले हैं। जो सूर्य के गिर्द घूमते रहते हैं। इन छोटे खगोलीय पिंडों को ‘एस्ट्रॉयड्स’ (क्षुद्रग्रह) या प्लैनेटायड (ग्रहिका) कहा जाता है। हमारी सौर प्रणाली में लगभग 100,000 क्षुद्रग्रह हैं लेकिन उनमें से अधिकतर इतने छोटे हैं कि उन्हें पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता। प्रत्येक क्षुद्रग्रह की अपनी कक्षा होती है, जिसमें ये सूर्य के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं।
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