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चंद्रयान-2: नासा ने विक्रम की लैंडिग का पता लगाया, तस्वीरों में पाया काफी जोर से गिरा था लैंडर

locationनई दिल्लीPublished: Sep 28, 2019 09:00:16 am

Submitted by:

Mohit Saxena

तस्वीरों में लैंडर के उतरने के निशान पाए गए हैं
विक्रम ने सात सितंबर को चंद्रमा पर लैंड किया था, बाद में संपर्क टूटा

nasa
वाशिंगटन। नासा ने शुक्रवार को चंद्रयान-2 के लैंडर से जुड़ी कुछ तस्वीरें जारी की हैं। यह तस्वीरें उसने लूनर टोही कैमरे (LROC) द्वारा कैप्चर की हैं। भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा के अज्ञात दक्षिण ध्रुव के पास एक नरम लैंडिंग का प्रयास किया। इसमें पाया गया कि विक्रम के लिए यह एक कठिन लैंडिंग थी। तस्वीरों में लैंडर के उतरने के निशान पाए गए हैं।
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https://twitter.com/LRO_NASA?ref_src=twsrc%5Etfw
दृश्य को एक लूनर रीकॉइनसेंस ऑर्बिटर कैमरा से कैप्चर किया गया था। विक्रम ने सात सितंबर को लैंड किया था। यह कार्यक्रम चंद्रमा पर नरम लैंडिंग का भारत का पहला प्रयास था। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, तस्वीर यह स्थल दक्षिणी ध्रुव से लगभग 600 किलोमीटर दूर स्थित था।
LRO ने 17 सितंबर को लैंडिंग साइट की छवियों का एक सेट हासिल कर लिया। अब तक एलआरओसी टीम लैंडर का पता लगाने या उसकी छवि बनाने में सक्षम नहीं है। ई-कॉमर्स के जरिए गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट लूनर रिकॉनिंस ऑर्बिटर मिशन,जॉन केलर के अनुसार एलआरओ 14 अक्टूबर को लैंडिंग साइट पर उड़ान भरेगा जब लाइटिंग की स्थिति और अधिक अनुकूल होगी।
17 सितंबर को ली तस्वीर में चंद्र के अधिकांश क्षेत्र में छाया देखी गई। नासा ने कहा कि लाइटिंग तब अनुकूल होगी जब एलआरओ अक्टूबर में साइट से गुजरेगा और एक बार फिर लैंडर का पता लगाने और उसकी छवि बनाने का प्रयास करेगा।गौरतलब है कि इसरो ने चंद्रयान -2 के साथ विक्रम नाम के लैंडर को भेजा था, चंद्रमा की धरती को छूने से पहले ही इसका भी इसरो से संपर्क टूट गया। इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरना था। मगर वह कामयाब नहीं हो सका। नासा के लूनर रीकॉन्सेन्स ऑर्बिटर ने इस सप्ताह उस जगह से उड़ान भरी थी,जहां पर लैंडर विक्रम के होने की संभावना थी। सूरज की रोशनी कम होने और लंबी छाया होने की वजह से विक्रम साफ तौर पर नहीं दिख पाया। इसके बाद नासा ने वहां की तस्वीरें खींची हैं।

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