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शोध में दावा: Britain में सिंतबर और America में नवंबर तक मिलेगी Coronavirus से मुक्ति

locationनई दिल्लीPublished: May 24, 2020 02:11:25 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

सिंगापुर की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी (SUT) के अनुसार ब्रिटेन (Britain) ,अमरीका (America) और इटली (Italy) में लंबे समय तक रहेगा संक्रमण का असर
सिंगापुर (Singapur) के लोग 19 जुलाई तक कोरोना वायरस (Coronavirus) से निजात पा जाएंगे, इन मानकों को अनुमानित माना गया है।

corona patient

दुनिया के कई देशों में कोरोना खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

लंदन। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर लोगों के मन में कई सवाल पनप रहे हैं। खासकर सबको ये चिंता सता रही है, आखिर कब तक हालात सामान्य होंगे। अब वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस कब तक रहने वाला है। सिंगापुर की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी (SUT) के इनोवेशन लैब के अनुसार ब्रिटेन (Britain) ,अमरीका (America) में कोरोना संकट काफी लंबे समय तक रह सकता है।

इन देशों में कब खत्म होगा

इस अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में कोरोना का खात्मा 30 सितंबर तक बताया गया है। वहींं अमरीका में इसे खत्म होने में 11 नवंबर तक का समय लगेगा। वहीं इटली में यह 12 अगस्त तक खत्म हो जाएगा। सिंगापुर के लोग 19 जुलाई तक कोरोना वायरस से निजात पा जाएंगे। ये सभी तारीखें मौजूदा हालात, संक्रमण की दर और मौत के आंकड़ों के आधार पर अनुमानित हैं। इस वजह से इन मानकों पर असर पड़ने के साथ तारीख बदलने के भी आसार हैं। यह अनुमान इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ दिन पहले ही विशेषज्ञों ने दावा किया था कि ब्रिटेन में जून तक कोरोना के कारण मौतों का सिलसिला खत्म हो जाएगा।

संस्थान ने इन अनुमान के साथ-साथ चेतावनी भी जारी की है। इसके मुताबिक, ये आकलन किया गया है जो विभिन्न मॉडल और डेटा से अलग-अलग दशा के आधार पर काफी जटिल है और बदल भी रहा है। इन्हें लेकर अनुमान लगाना मुश्किल है।’ इस दौरान ये भी कहा गया है कि इन तारीखों से उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है।

वैक्सीन के आधार पर समय तय होगा

कई देश इस समय कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। ये दवा अगर समय से पहले ही बाजार में आ जाती हैं तो कोरोना को खत्म करना आसान होगा। ब्रिटेन और अमरीका के साथ इटली इसकी दवा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। ब्रिटेन का कहना है कि वह दवा बनाने के करीब है और ट्रायल के दूसरे फेज में है। वहीं अमरीका भी इस पर बड़ी तेजी से काम कर रहा है।

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