भगोड़े नीरव मोदी को नहीं मिली राहत, 11 नवंबर तक जेल में होगा रहना
- नीरव मोदी पीएनबी में हुए करीब 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी है
- नीरव मोदी को इस साल 19 मार्च को होलबोर्न से गिरफ्तार किया गया था

लंदन। पंजाब नेशनल बैंक घोटाला मामले में भगोड़ा नीरव मोदी को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसकी हिरासत 11 नवंबर तक बढ़ा दी।
नीरव मोदी अपने रिमांड की नियमित सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए थे। इस दौरान वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट की डिस्ट्रिक्ट जज नीना टेम्पिया ने आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को तगड़ा झटका देते हुए हिरासत अवधि बढ़ा दी।
भगोड़े नीरव मोदी को नहीं मिली राहत, 22 अगस्त तक जेल में रहना होगा
बता दें कि इससे पहले नीरव मोदी की चार जमानत याचिकाओं को अदालत ने खारिज दिया था। जबकि 19 सितंबर को नीरव मोदी की हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ाई गई थी।
Punjab National Bank case: Fugitive diamantaire Nirav Modi appeared before Westminster Magistrates' Court via video link today. He has been further remanded into custody till 11th November by Judge Nina Tempia. pic.twitter.com/Y9rS9qTWbf
— ANI (@ANI) October 17, 2019
नीरव मोदी को 19 मार्च को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि पीएनबी में हुए करीब 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी को इसी साल 19 मार्च को होलबोर्न से गिरफ्तार किया गया था। भारत सरकार लगातार नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर प्रयासरत है।
मनी लॉंड्रिंग के आरोपी 48 वर्षीय नीरव मोदी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेस किया गया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उसके प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई अगले साल मई में 11 से 15 मई के बीच चलने की उम्मीद है।
बता दें कि सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी के अधिकारी भी कोर्टरूम में मौजूद थे। ब्रिटेन की अदालत के मुताबिक, लंबित प्रत्यर्पण मामलों में प्रत्येक 28 दिन के बाद सुनवाई करना जरूरी होता है।
वैंड्सवर्थ जेल में कैद है नीरव मोदी
आपको बता दें भारत सरकार के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन महानगर पुलिस) ने नीरव मोदी को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है। वैंड्सवर्थ जेल इंग्लैंड की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली जेल है।
सॉलिसिटर आनंद दूबे और बैरिस्टर क्लेयर मॉन्टगोमरी ने नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद से चार बार जमानत याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने हर बार खारिज कर दिया।
इससे पहले जमानत याचिका को खारिज करते हुए जून में रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस के जज जस्टिस इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि इस बात का पक्का आधार मौजूद है कि नीरव मोदी सरेंडर नहीं करता, क्योंकि उसके पास फरार होने के पूरे साधन मौजूद हैं।
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