2016 में भी नामित की गई थीं
नादिया का जन्म 1993 में उत्तरी इराक के सिंजर जिले के कोजो शहर में हुआ। वह इराक के अल्पसंख्यक समुदाय यजीदी से ताल्लुक रखती हैं। 2014 में उनका अपहरण आइएस के आतंकियों ने कर लिया। उस वक्त वह पढ़ाई कर रही थीं। आइएस इसी समुदाय की युवतियों को अपना निशाना बनाते थे। तीन महीने तक उस नर्क में रहने के बाद वह वहां से भाग निकली थी। इसके बाद उन्होंने आतंकियों की कैद में महिलाओं से होने वाली क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाया था और इस क्षेत्र में काम कर रही थीं। इस वजह से 2016 में मात्र 23 साल की उम्र संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें मानव तस्करी के खिलाफ पहला गुडविल एंबेसडर नियुक्त किया था।
बतौर गुडविल एम्बेसडर नादिया ने मानव तस्करी और शरणार्थियों के बारे में जागरूकता लाने का काम किया और शरणार्थी महिलाओं के पुनर्वास के लिए उल्लेखनीय काम किया। इसके लिए उन्हें इसी साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट किया गया, लेकिन अंतिम समय में वह पिछड़ गई थीं।
अगस्त में शादी करने का किया ऐलान
बता दें कि नादिया जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाली हैं। इसका ऐलान अगस्त में खुद उन्होंने एक ट्वीट कर किया है। वह अमरीकी सेना लिए इंटरपरेटर का काम कर चुके आबिद शामदीन से शादी करने वाली हैं। बता दें कि शामदीन ने ही नादिया को आइएस के चंगुल से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने जल्द शादी की घोषणा करते हुए ट्वीट में लिखा- परिवार और दोस्तों से हमें जो शुभकामनाएं एवं समर्थन मिला उसके लिए हम आभारी हैं। हमारे लोगों के संघर्ष ने हमें एक साथ लाने में मदद की और हम इस रास्ते पर साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। हमारा समर्थन करने के लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं।
मात्र 21 साल की थीं, जब आइएस ने किया था अपहरण
आइएस ने नादिया का जब अपहरण किया था, तब वह मात्र 21 साल की थी। आइएस ने उनका इस्तेमाल बतौर सेक्स स्लेव किया। उनके साथ लगातार सामूहिक दुष्कर्म किए गए और उन्हें तरह-तरह की शारीरिक एवं मानसिक यातनाएं दी गईं। 2015 में मुराद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आइएस के चंगुल में उनके साथ कितना बर्बर व्यवहार किया गया था, यह बताया था। उन्होंने बताया था कि आइएस आतंकी महिलाओं और लड़कियों को पूरी तरह से बरबाद करने के लिए उनके साथ लगातार बलात्कार करते थे। यह यातना इतनी भयावह होती थी कि अधिकतर महिलाओं के लिए इसके बाद सामान्य जीवन जीना शायद ही संभव हो पाता। उन्होंने बताया कि अपहरण के बाद आइएस आतंकियों ने उनकी खूब पिटाई की और मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा। वह एक गार्ड के साथ मुझे एक कमरे में ले गए। इसके बाद आतंकी मेरे साथ तब तक गलत काम करते रहे, जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गईं।