ट्रंप को मिलने से पहले किम ने अमरीका को दे डाली ये धमकी, बताई ये वजह ट्रंप ने खारिज किया ‘लीबिया मॉडल’ अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा है कि उत्तर कोरिया के साथ वो लीबिया मॉडल अपनाने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि दोनों देशों के बीच बीतचीत ज़रूर होगी। ट्रंप ने अपने सुरक्षा सलाहकार के बयान को खारिज करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया के मामले में वह लीबिया मॉडल को नहीं कभी भी नहीं सोच सकते हैं। लीबिया मॉडल के तहत अमरीका ने उस देश को तबाह किया था, जहां पर व्यवस्थाएं चरमरा गई थीँ। इससे देश में ही विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई थी।
उत्तर कोरिया को आर्थिक मदद देने के लिए अमरीका ने यह शर्त रखी क्या था लीबिया मॉडल साल 2003 में लीबिया के नेता कर्नल मुअम्मर गद्दाफ़ी परमाणु कार्यक्रम छोड़ने पर सहमत हो गए थे। इसके बदले में अमरीका ने लीबिया पर लगी अधिकतर पाबंदियां हटा दी थीँ। मगर अचानक अमरीका ने अपनी रणनीति बदली और साल 2011 में पश्चिमी देशों के समर्थन से विद्रोहियों ने उनका तख्तापलट कर दिया। इसके कुछ दिनों के बाद गद्दाफी की हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने अमरीका की काफी आलोचना की थी। उनका कहना था कि यह एक अपराध है। किसी देश के प्रमुख की हत्या कराना और उसकी लाश को लोगों के सामने प्रदर्शित करना मानवाधिकार का उल्लंघन है।
साझा सैन्य अभ्यास से चिंता जताई गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के साथ अमरीका का साझा सैन्य अभ्यास जारी है। इसे लेकर भी उत्तर कोरिया ने नाराजगी जताई है। उसका कहना है कि वार्ता के लिए अमरीका माहौल सुधारने को लेकर गंभीर नहीं है। एक तरफ अमरीका कहता है कि वह हर मसले को बातचीत से हल करेगा। वहीं वह उनके पड़ोसी के साथ सैन्य अभ्यास में जुटा हुआ है। किम का कहना है यह दोनों विपरीत संदेश हैं। साझा अभ्यास के चलते उत्तर कोरिया ने इस सप्ताह दक्षिण कोरिया से होने वाली उच्च-स्तरीय वार्ता भी रद्द कर दी थी। इस पर अमरीका का कहना है कि यह सैन्य अभ्यास हर साल होने वाली सैन्य ड्रिल का हिस्सा है।