देश से निष्कासित करने का फैसला स्थानीय मीडिया के अनुसार अधिकारियों ने मानवता के सिद्धांत पर नरमी बरतते हुए उसे छोड़ने और देश से निष्कासित करने का फैसला किया है। सुगीमोतो को एक पर्यटक बताया जा रहा है,जो उत्तर कोरिया घूमने गया था। गौरतलब है कि जापान सरकार ने दो सप्ताह पहले पुष्टि की थी कि वह उन रिपोर्टों की जांच कर रही है कि उसके एक नागरिक को हिरासत में लिया गया है। जापान की न्यूज एजेंसी ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि ये व्यक्ति एक वीडियोग्राफर है। गौरतलब हैं कि जापान और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों में हमेशा से तल्खी देखने को मिली है। इसका कारण दोनों के बीच पुरानी दुश्मनी को कहा जाता है।
कभी जापान ने कोरिया को बनाया था गुलाम द्वितीय विश्व युद्ध से पहले पूरे कोरिया पर जापान का एक छत्र राज था। इस दौरान जापान सबसे बड़ी विश्व शक्ति थी। 1939 में जब द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ा तो जापान के हाथ से कोरिया निकल गया। यह उत्तर और दक्षिण कोरिया में बंट गया। उत्तर कोरिया पर सोवियत संघ और दक्षिण कोरिया पर अमरीका का प्रभुत्व था। मगर युद्ध चीन के उतर जाने से उत्तर कोरिया पर अमरीका की पकड़ कमजोर हो गई और यहां पर चीन का अधिकार अधिक हो गया। चीन कम्यूनिस्ट विचारधारा है,ऐसे में उत्तर कोरिया में तानाशाही ने जन्म लिया। चीन की वजह से उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा दुश्मन जापान हो गया।