उत्तर कोरिया के वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से यह बयान वाशिंगटन और सियोल पर दबाव बनाने के लक्ष्य से दिया गया है। उत्तर कोरिया के वरिष्ठ राजनयिक के हवाले से यह बयान वाशिंगटन और सियोल पर दबाव बनाने के लक्ष्य से दिया गया है। दरअसल,उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने समझौते में एक-दूसरे को स्वीकार्य शर्तों के लिए अमरीका को एक साल का समय दिया था,जो अब समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि फरवरी, 2019 में वियतनाम की राजधानी हनोई में अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच दूसरी शिखर वार्ता असफल रही थी। क्योंकि अमरीका ने उत्तर कोरिया केा आंशिक रूप से परमाणु कार्यक्रम बंद करने के बदले प्रतिबंध से बड़ी राहत देना नहीं चाहता है। यह शिखर वार्ता बेनतीजा रही थी। इसके बाद दोनों नेता स्वीडन में मिले। अक्टूबर में स्वीडन में वार्ता भी असफल रही थी। इसे उत्तर कोरिया ने अमरीकियों का पुराना रुख और रवैया बताया था।