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दुनिया की सबसे बड़ी बैंक डकैती के दौरान नहीं चली थी एक भी गोली, ट्रकों में भरकर लाए गए थे पैसे

locationनई दिल्लीPublished: Mar 22, 2020 03:01:44 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS:

मार्च 2003 को बैंक डकैती को अंजाम दिया गया था
करीब 7562 करोड़ रुपये की लूट हुई थी
इस लूट को तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के बेटे ने अंजाम दिया था

Bank Robbery

Not a single bullet was fired during the world’s biggest bank robbery

बगदाद। आपने बैंक चोरी और डकैती की कई घटनाएं सुनी और पढ़ी होंगी, जिसमें लाखों-करोड़ों रुपये की लूट हुई हो। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी कोई बड़ी बैंक चोरी या डकैती की घटना सुनी है, जिसमें अपराधियों ने किसी भी तरह की हिंसा किए वारदात को अंजाम दिया हो। शायद नहीं.. पर, यह सौ फीसदी सही है और सबसे हैरानी की बात कि इस बैंक डकैती की घटना में उस देश के राष्ट्रपति का बेटा भी शामिल था।

इतिहास में ये बैंक डकैती की घटना ऐसा ही अनोखा मामला है, जिसमें एक भी गोली नहीं चली और न ही किसी तरह की मारपीट व हिंसा हुई। साथ ही इतना पैसा था कि ट्रकों में भरकर लाए गए थे।

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आपको बता दें कि ये मामला आज से 17 साल पहले घटित हुई थी। इस घटना को इराक में अंजाम दिया गया था, जहां पर लूटेरों ने सेंट्रल (केंद्रीय) बैंक से हजारों करोड़ रुपये की डकैती की थी। ऐसा बताया जाता है कि डकैतों ने बैंक से कुल एक बिलियन डॉलर ( करीब 7562 करोड़ रुपये ) की लूट हुई थी।

राष्ट्रपति के बेटे ने की थी लूट

कई मीडिया रिपोर्टों में ऐसी जानकारी दी गई हैं कि इतिहास के इस सबसे बड़ी डकैती में इराक के तत्कालीन राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय का हाथ था। दरअसल, अमरीका और इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के बीच दशकों से दुश्मनी चल रही थी। ऐसे में कुसय को जब ये भनक लगी कि अमरीका इराक पर हमला करने वाला है। उससे पहले ही वह राजधानी बगदाद स्थित इराकी सेंट्रल बैंक पहुंच गए।

कुसय ने बैंक प्रमुख को एक पर्ची थमाई। उस पर्ची में लिखा था कि सुरक्षा कारणों से बैंक के सभी पैसों को राष्ट्रपति ने दूसरी सुरक्षित जगह ले जाने का आदेश दिया है। अब ये जानकर बैंक प्रमुख सख्ते में आ गए। चूंकि इराक में सद्दाम हुसैन का इतना खौफ था कि कोई भी उसके आदेश को इनकार नहीं कर सकता था।

लिहाजा, बैंक प्रमुख ने सभी पैसे ले जाने की इजाजत दे दी। रिपोर्टों में ये दावा किया गया है कि कुसय ने बैंक से इतने पैसे लूटे थे कि उन्हें पैसों को ले जाने के लिए ट्रक बुलाने पड़े थे। यह भी बताया जाता है कि कुसय ने इतने पैसे बैंक से लूटे कि ट्रकों में भरने में करीब पांच घंटे लग गए थे।

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इसके बावजूद भी बैंक में पैसे खत्म नहीं हुए। चूंकि ट्रक में जगह कम पड़ गया था, इसलिए कुसय ने बाकी पैसे बैंक में ही छोड़ दिया था। बता दें कि इतिहास की इस बड़ी घटना को मार्च 2003 में अंजाम दिया गया था।

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