कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि लोगों के संक्रमित होने के बाद टेस्ट में देरी की वजह से इसे फैलने में मदद मिलती है। यानी कोरोना वायरस टेस्ट (Coronavirus Test) होने में ज्यादा समय लगता है। हालांकि कम समय में जांच रिपोर्ट (Coronavirus Test Report) देने के कई तरीके सामने आ चुके हैं।
50 सेकेंड में मिलेगी रिपोर्ट इसी क्रम में एक अच्छी खबर आई है।अब कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों को रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट अब महज 50 सेकेंड के भीतर हासिल की जा सकेगी।
इजराइल ने किया तैयार यह संभव होगा इजराइली तकनीक (Israeli Technology) से तैयार हुई कोरोना टेस्टिंग किट (Corona Testing Kit) से। इस विशेष किट को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defense research and development organization) (डीआरडीओ) के समन्वय से तैयार किया गया है।
दिल्ली अस्पतालों में चल रहा है ट्रायल इजराइली तकनीक पर आधारित कोरोना टेस्टिंग किट का दिल्ली के तीन अस्पतालों में ट्रायल चल रहा है। इनमें एलएनजेपी हॉस्पिटल, आरएमएल हॉस्पिटल और सर गंगाराम हॉस्पिटल शामिल है।
1000 से अधिक मरीजों में हुई टेस्टिंग एलएनजेपी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि बीते एक सप्ताह के भीतर इस किट के जरिए 1000 से अधिक मरीजों की कोराना टेस्टिंग की गई है। इन सभी मरीजों के रिजल्ट औसतन 50 सेकेंड में हासिल किए गए हैं।उन्होंने बताया कि एलएनजेपी हॉस्पिटल की तरह गंगाराम और आरएमएल हॉस्पिटल में भी करीब इतने मरीजों का इस नई किट से कोरोना टेस्ट किया गया है।
किट की एक्यूरेसी 97 फीसदी इस किट को बनाने वाले इजराइली साइंसिस्ट मोशे गेलन ने बताया कि इस किट के नतीजे करीब 97 फीसदी तक एक्यूरेट हैं। उन्होंने बताया कि इस किट की टेस्टिंग पद्धति एंटीजेंट और आरसी-पीसीआर सिस्टम से अलग है। यह किट स्वाइवा की मदद से कोरोनो संक्रमण की जांच करती है। अब तक के ट्रायल के दौरान, इस किट की एक्यूरेसी करीब 97 फीसदी पाई गई है।
इजराइली साइंसिस्ट मोशे गेलन ने बताया कि भारत में मौजूदा समय में दो तरह के टेस्टिंग सिस्टम हैं। पहला आरसी-पीसीआर और दूसरा एंटीजेंट रैपिड टेस्टिंग सिस्टम। उन्होंने दावा कि किया है कि आरसी-पीसीआर सिस्टम के जरिये जांच में यह पता लगाना बेहद मुश्किल है कि किसी मरीज में कोरोना में डेड वायरस हैं या एक्टिव वायरस। उन्होंने यह दावा भी किया है कि कई बार डेड वायरस की गणना कर आरसी-पीसीआर टेस्ट पॉजिटव आ जाता है।