कोरोना वायरस के 67 फीसदी यानी दो तिहाई से ज्यादा मरीज सिर्फ मई और जून में ही सामने आए। मई में रोज औसतन करीब एक लाख और जून में औसतन रोज एक लाख 35 हजार मरीज सामने आए। वहीं, 90 फीसदी कोरोना के केस अप्रैल-मई-जून में आए हैं।
कोरोना वायरस ने सबसे अधिक मार्च में एक लाख 90 हजार से ज्यादा लोगों की जानें लीं। इस वक्त इटली,फ्रांस और स्पेन में महामारी अपने शिखर पर थी। इसके बाद उसने महामारी अमरीका पर कहर बनकर टूटी। मई-जून में बिना लक्षण वाले मामले सामने आए हैं। करीब 60 फीसदी से ज्यादा लोगों में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया। ऐसे में मौत पर कुछ लगाम लग सकी।
38 छोटे बड़े देशों ने कोरोना पर जीत हासिल की दुनिया में 38 छोटे बड़े देशों ने कोरोना पर जीत हासिल की। तवालु, वनातु, सोलोमन आईलैंड जैसे नौ छोटे द्वीपीय देश है, जहां कोरोना अभी तक नहीं पहुंच सका। न्यूजीलैंड भी बीते कुछ हफ्तों के लिए कोरोना मुक्त हो गया था। लेकिन यहां पर फिर नए मामले सामने आए।
भूटान-श्रीलंका में बहुत कम मामले वहीं भारत के पड़ोसी देश भूटान, श्रीलंका और म्यांमार ने कोविड—19 पर पूरी तरह से सफलता हासिल कर ली है। भूटान में अब तक एक भी एक्टिव केस नहीं है। वहीं श्रीलंका में नौ और म्यांमार में एक मरीज ही भर्ती किया गया है।
ब्राजील में रोज हजारों मामले सामने आए कोरोना ने अमरीका महाद्वीपों पर काफी तबाही मचाई है। उत्तरी अमरीका में अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में 28 लाख से ज्यादा मरीज हैं। दक्षिण अमरीका में ब्राजील, पेरू, चिली, आदि को मिलाकर 20 लाख के करीब लोग संक्रमित हो चुके हैं। अमरीका और ब्राजील में रोज हजारों मामले सामने आ रहे हैं।