scriptस्टडी: ऑक्सफोर्ड के कोरोना टीके की पहली खुराक 76% तक प्रभावी, दूसरी खुराक में 90 दिन का अंतराल रखें तो होंगे कई फायदे | Oxford vaccine has many benefits to protect against corona, know what | Patrika News

स्टडी: ऑक्सफोर्ड के कोरोना टीके की पहली खुराक 76% तक प्रभावी, दूसरी खुराक में 90 दिन का अंतराल रखें तो होंगे कई फायदे

Published: Feb 21, 2021 09:17:35 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Highlights.- टीके की खुराक का अंतराल 6 हफ्ते की जगह 90 दिन रखें, तो असर ज्यादा बेहतर मिल रहा है – इससे ज्यादा लोगों का टीकाकरण करके उन्हें त्वरित रूप से राहत प्रदान की जा सकती है- द लांसेट मैग्जीन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, टीके की पहली खुराक में 76 प्रतिशत तक प्रभावी है
 

vaccine.jpg
नई दिल्ली।
कोविड-19 के लिए आक्सफोर्ड की ओर से बनाए गए टीके की खुराक का अंतराल अगर 6 हफ्ते की जगह तीन महीने यानी 90 दिन रखें, तो इसका असर ज्यादा बेहतर मिल रहा है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। इसके मुताबिक, इस टीके को लगाने में अगर 90 दिन का अंतराल रखा जाए, तो इसका प्रभाव ज्यादा अच्छा होता है। इसके अलावा, इससे ज्यादा लोगों का टीकाकरण करके उन्हें त्वरित रूप से राहत प्रदान की जा सकती है।
यह अध्ययन द लांसेट मैग्जीन में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड का टीका पहली खुराक में 76 प्रतिशत तक प्रभावी होता है। खुराक के बीच के अंतराल को अगर सुरक्षित रूप से तीन महीने के लिए बढ़ा दिया जाए तो परिणाम बेहतर होंगे।
शोध करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की खुराक देने का यह सबसे लाभकारी तरीका है। वैसे भी शुरुआत में टीके की आपूर्ति सीमित है, इसलिए अंतराल अगर बढ़ता है, तो यह बड़ी आबादी पहुंचाया जा सकेगा। विशेषज्ञों में ब्रिटेन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर भी शामिल हैं। प्रमुख शोधकर्ता और ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर एंड्यू पोलार्ड के मुताबिक, टीके की आपूर्ति फिलहाल सीमित होने की संभावना है, इसलिए नीति निर्माताओं को यह तय करना चाहिए कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक खुराक पहुंचाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ कैसे पहुंचाया जाए।
पोलार्ड के अनुसार, शुरुआत में ही सिर्फ एक खुराक देकर बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण करने की नीति जनसंख्या के बड़े हिस्से को बीमारी से त्वरित तौर पर राहत प्रदान कर सकती है। खासकर उन जगहों पर जहां ऑक्सफोर्ड के टीके की आपूर्ति अभी सीमित है, तो एक फायदा यह होगा कि इतने की टीके से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह पहुंचाया जा सके। लंबी अवधि में एक दूसरी खुराक से लंबे समय तक रहने वाली प्रतिरोधक क्षमता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
विशेषज्ञों ने दूसरी खुराक के बाद सुरक्षा पर अलग-अलग अंतराल के प्रभाव को समझने की कोशिश की। इसमें उन्होंने ब्रिटेन, ब्राजिल और दक्षिण अफ्रीका में हुए परीक्षण को मिलाया गया। इस अध्ययन में 17 हजार 178 लोगों को शामिल किया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो