बैठक का ये है मुख्य उद्देश्य
इस बैठक में पाकिस्तान के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दल के लोग भी पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक बैठक में इस बात की समीक्षा की जाएगी कि पाकिस्तानी ने आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों में कितना धन खर्च किया है। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि पाक अधिकारियों ने इसे रोकने में कितनी सफलता प्राप्त की है। आपको बता दें कि बीते साल जून में भी एफएटीएफ की पेरिस में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था। उस वक्त आरोप लगा था कि पाक आतंकवादियों की आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगा पाने में असफल रहा है।
पाक बताएगा अपना एक्शन प्लान
ये बैठक शनिवार से शुरू हुई है। इसमें शामिल होने के लिए वित्त सचिव आरिफ अहमद की अगुवाई में पाकिस्तान के 12 सदस्यीय दल रवाना हुए थे। ये दल बैठक में एक्शन प्लान के बारें में जानकारी देने के लिए शामिल हुआ है। इस एक्शन प्लान में पाक सरकार का अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप पालन करने की मंशा के विषय में बताएगा। पाक बैठक में ये भी चाहेगा कि उसे ग्रे लिस्ट से बाहर आने की मंजूरी मिले। गौरतलब है कि 1989 में स्थापित हुए एफएटीएफ एक अतंर्राज्यीय निकाय है जिसका प्रमुख काम धन शोधन और आतंकवादी वित्तीयन के बारे में मानक निर्धरित करता है।
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