एक साक्षात्कार में कुरैशी के अनुसार FATF में भारत पाकिस्तान का विरोध करता रहा है। पाकिस्तान को काली सूची में डाला जाए, इसको लेकर भारत के इरादों के बारे में कोई शंका नहीं है।
दरअसल, दुनिया भर में टेरर फंडिंग पर पाबंदी लगाने वाली संस्था एफटीएफ के एशिया प्रशात समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों हाफिज सईद,मसूर अजहर और लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद दावा एवं एफआईएफ जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई नहीं की है।
यह रिपोर्ट 13 से 18 अक्टूबर के बीच होने वाली एफएटीएफ की बैठक से ठीक पहले जारी हुई है, इसमें आतंकी संगठनों की फंडिंग के मसले पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा।
माना जा रहा है कि बैठक में FATF पाकिस्तान को Blacklist भी कर सकता है या तो उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार रख सकता है। ऐसा होने से पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। विश्व संस्थाएं पाकिस्तान को निचले पायदान पर धकेलेंगी। इससे विदेशी कर्ज और निवेश लाने में और गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, कुरैशी ने दावा किया कि पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ उठाए गए कदमों से दुनिया के दूसरे मुल्क संतुष्ट हैं।