बोलीविया के दौरे पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, आतंकवाद और UNSC में सुधार पर आपसी सहयोग का संकल्प
तिलमिलाए पाकिस्तान और चीनगुरुवार दोपहर को आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और मुकाबला करने पर सुरक्षा परिषद की बहस में बोलते हुए पाकिस्तान की राजदूत मालेहा लोधी ने कहा कि एफएटीएफ और प्रस्ताव 1267 जैसे प्रतिबंधों को कुछ देशों द्वारा अपने भू-राजनीतिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक उपकरणों के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमरीका द्वारा सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बता दें कि यह प्रस्ताव आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए लाया गया है। उधर गुरुवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यूएनएससी में सीधे तौर पर एक संकल्प को “जबरदस्ती आगे बढ़ाना” संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद-रोधी समिति के अधिकार को कमजोर करता है।
ब्रिटेन का EU से निकलना लगभग तय, समझौते पर पीएम थेरेसा मे के प्रस्ताव को सांसदों ने किया खारिज
आतंकवाद के राजनीतिकरण का आरोपआपको बता दें कि बुधवार को अमरीका ने सीधे UNSC में एक प्रस्ताव रखा, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने की मांग की गई। इससे पहले 13 मार्च को, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव संख्या 1267 को वोटिंग के लिए प्रस्तुत किया था। लेकिन चीन ने कथित रूप से अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल कर इसे तकनीकी रूप से डंप कर दिया। चीन ने उस स्थिति की समीक्षा करने का भी वादा किया था, जिसमें मसूद अजहर के खिलाफ भारतीय आरोप शामिल हैं। अब चीन का आरोप है कि चीनी निर्णय की प्रतीक्षा करने के बजाय, अमरीका ने सुरक्षा परिषद में नया प्रस्ताव पेश कर दिया। हालांकि वाशिंगटन और नई दिल्ली दोनों को उम्मीद है कि चीन सीधे टकराव से बच जाएगा और प्रस्ताव को पारित होने देगा।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर.