संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान द्वारा दिए गए ‘झूठे बयान’ के जवाब में भारत के अधिकार का प्रयोग करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि यह उन मुद्दों पर पाकिस्तान द्वारा लगातार और असंवेदनशील बयानबाजी करते देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, इस परिषद के जनादेश के विपरीत और जो भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित है।
उन्होंने कहा, “एक देश के रूप में पाकिस्तान न केवल पाकिस्तान के भीतर और भारत के जिन क्षेत्रों में अवैध कब्जा कर रखा है, वहां न सिर्फ धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए एक खतरा है, बल्कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव के लिए खतरा बन जाएगा।”
आर्यन ने कहा, “इस परिषद के सदस्य के रूप में पाकिस्तान का एकमात्र उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपने लोगों और कब्जा किए हुए भारतीय क्षेत्रों के लोगों के खिलाफ किए गए गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन से ध्यान भटकाना है।” आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।