अधिकार बिकाऊ नहीं है उधर, फिलिस्तीन लिब्रेशन ऑर्गनाइजेशन की एग्जिक्यूटिव कमिटी की सदस्य हनन अशरावी ने इस पर कहा
कि अमरीकी प्रशासन ब्लैकमेलिंग को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। फिलिस्तीन की जनता और नेतृत्व इस परिस्थिति से बिल्कुल डरेगा नहीं और दबाव से हारेगा नहीं। फिलिस्तीन की जनता का अधिकार बिकाऊ नहीं है। गौरतलब है कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बरसों से मतभेद सामने आते रहे हैं। अमरीका इजरायल का अहम सहयोगी है। वह उसे हथियारों के साथ कई मुद्दों पर उसका समर्थन करता है। इजरायल की ताकत का राज अमरीका है। वह उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बचाता है। वहीं फिलिस्तीन की छवि आतंकी गतिविधियों वाली बन गई है।
कि अमरीकी प्रशासन ब्लैकमेलिंग को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। फिलिस्तीन की जनता और नेतृत्व इस परिस्थिति से बिल्कुल डरेगा नहीं और दबाव से हारेगा नहीं। फिलिस्तीन की जनता का अधिकार बिकाऊ नहीं है। गौरतलब है कि फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बरसों से मतभेद सामने आते रहे हैं। अमरीका इजरायल का अहम सहयोगी है। वह उसे हथियारों के साथ कई मुद्दों पर उसका समर्थन करता है। इजरायल की ताकत का राज अमरीका है। वह उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बचाता है। वहीं फिलिस्तीन की छवि आतंकी गतिविधियों वाली बन गई है।
अमरीका और फिलिस्तीन के संबंध बिगड़े अमरीका ने जनवरी में ही फिलिस्तीन के शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र को दिए जा रहे योगदान में बड़ी कटौती कर दी थी। ट्रंप के पिछले साल दिसंबर में जेरुसलम के विवादित शहर को इजरायल की राजधानी घोषित करने के बाद अमेरिका और फिलिस्तीन के संबंध काफी बिगड़ गए हैं। फिलिस्तीन ने वॉशिंगटन के साथ संपर्क खत्म कर दिया और उसका मानना है कि मध्य पूर्व की शांति प्रक्रिया में अमरीका कभी भी निष्पक्ष मध्यस्थ नहीं हो सकता। अमरीकी प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि वेस्ट बैंक और गाजा में कार्यक्रमों के लिए आवंटित धन अब कहीं और उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम गाजा में सहयोग पहुंचाने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पेश आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।